गोवा में दो साल पहले बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी होते हुए भले ही सरकार बनाने में सफल रही, लेकिन संख्या कम होने के चलते सहयोगी दल दबाव बनाकर अपना हित साधते रहे. ऐसे में बुधवार को 10 कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े से ज्यादा विधायकों की संख्या हासिल करने में कामयाब हो गई. साथ ही जीएफपी और निर्दलीय विधायकों के दबाव से भी बीजेपी सरकार को मुक्ति मिल गई है.
बता दें कि 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. गोवा के 40 सदस्यों में से कांग्रेस 17, बीजेपी 13, जीएफपी 3, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) 3, एनसीपी एक और तीन निर्दलीय विधायक जीतकर आए. कांग्रेस भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बीजेपी उससे पहले बहुमत के जादुई आंकड़े को जुटाकर सरकार बनाने में सफल रही.
बीजेपी ने गोवा में जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाया. प्रदेश के सियासी समीकरण को समझते हुए जीएफपी ने डिप्टी सीएम और मलाईदार मंत्रालय सहित अपनी शर्तों पर बीजेपी के साथ समर्थन दिया. इसका नतीजा है कि जीएफपी के सभी तीन विधायक मंत्री हैं. जीएफपी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई डिप्टी सीएम हैं.
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकार बनाने में लगीं. लेकिन बीजेपी ने प्रमोद सावंत को शपथ दिलाकर सारे कयासों पर ब्रेक लगा दिया. इसके बाद सावंत ने एमजीपी के दो विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल कर लिया. इसी का नतीजा था कि प्रमोद सावंत के साथ ही एमजेपी के बागी सुदिन धवलिकर डिप्टी सीएम बने. इसके अलावा निर्दलीय विधायक रोहन खाउंते को राजस्व मंत्री पद से नवाजा गया.
बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा न होने के चलते सावंत सरकार पर जीएफपी और निर्दलीय विधायकों ने लगातार दबाव बनाकर रखा था. वक्त ने ऐसी करवट ली कि कांग्रेस के 10 विधायक बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए और साथ ही बीजेपी ने बहुमत के जादुई आंकड़े से ज्यादा विधायकों की संख्या हासिल कर ली. अब बीजेपी के पास 27 विधायक हो गए हैं. जबकि बहुमत के 21 विधायक चाहिए. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 5, जीएफपी के पास तीन एनसीपी व एमजीपी का एक-एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं. तीनों निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन कर रहे हैं.
गोवा में हुए सियासी उलटफेर के बाद बीजेपी सरकार जीएफपी के दबाव से मुक्त हो गई है. अब ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं. ऐेसे में जीएफपी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की डिप्टी सीएम के पद से छुट्टी हो सकती है. इसके अलावा निर्दलीय विधायक और राजस्व मंत्री रोहन खाउंते को मंत्री पद से हटाया जा सकता है, क्योंकि कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायक पार्टी की कुल संख्या का दो तिहाई हैं.