गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर इन दिनों गंभीर रूप से बीमार हैं और इलाज के लिए बार-बार उन्हें अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ रहा है. एक ओर उन्होंने अपनी पार्टी बीजेपी से नई व्यवस्था करने को कहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वह अस्पताल से ही लोगों को धमका रहे हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बीमार होने के बाद से ही कांग्रेस लगातार उनकी बीमारी से संबंधित मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग करती रही है. और अब उसने पर्रिकर पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अस्पताल से ही लोगों को धमकी दे रहे हैं. पर्रिकर को पिछले कुछ महीनों में गोवा, मुंबई और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा था और अब वह नई दिल्ली स्थित एम्स में एडवांस पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज करा रहे हैं.
गोवा के कांग्रेस पर्यवेक्षक ए चेल्लाकुमार ने पर्रिकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'हो सकता है कि वह इस समय अस्पताल में भर्ती हों. मैं उम्मीद करता हूं कि आप (पर्रिकर) ठीक से हों, लेकिन मुझे ऐसे संदेश मिल रहे हैं कि आप अस्पताल में रहने के दौरान लोगों को फोन कर रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं.' पर्रिकर पर कांग्रेस की ओर से यह अपने तरह का पहला ऐसा आरोप है.
यह आरोप राज्य सरकार में भागीदार गोवा फारवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पर्रिकर ने गुरुवार को फोन कर प्रशासनिक मामलों पर बात की थी.
चेल्लाकुमार ने यह भी कहा कि गोवा लोकायुक्त की ओर से 1.44 लाख करोड़ के अवैध कोयला खनन मामले में पर्रिकर को दोषी ठहराया और कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मामले में वह दोषी पाए गए तो अपनी संपत्ति छोड़ देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. भगवान उनको लंबी उम्र दे, लेकिन यह मेरा कर्तव्य है कि उनको याद भी दिलाऊं.
दूसरी ओर, पर्रिकर की खराब तबीयत और बीजेपी नेतृत्व में 'वैक्यूम' का पूरा फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है, तभी उसने आनन-फानन में राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. इस बाबत एक ज्ञापन भी सौंपा गया है.
बीजेपी जिसे भलीभांति पता है कि मुख्यमंत्री बदलने पर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा और पार्टी सियासी भंवर में फंस सकती है. इसलिए पार्टी का पूरा ध्यान इस बात पर है कि कोई डिप्टी सीएम बनाकर संकट टाला जाए, जिससे कांग्रेस की रणनीति भी फेल हो.