महिला पत्रकार से यौन शोषण के आरोपी तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने रेप का मामला दर्ज कर लिया है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 354 के तहत केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने तेजपाल को पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस भी भेज दिया है.
आगे की जांच के लिए पुलिस ने तहलका प्रबंधन से जरूरी दस्तावेज मांगे हैं. पुलिस उस होटल के सीसीटीवी फुटेज भी खंगालेगी, जहां यौन शोषण होने के आरोप हैं. जांच अधिकारी पीड़ित से भी संपर्क की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि तेजपाल पर नवंबर के दूसरे हफ्ते में तहलका के सालाना जलसे 'थिंक 2013' के दौरान एक होटल में महिला पत्रकार का यौन शोषण करने के आरोप हैं.
गोवा पुलिस ने मांगा पीड़ित का बयान
गोवा पुलिस के डीआईजी ओपी मिश्रा ने बताया, 'गोवा पुलिस ने आरंभिक जांच शुरू कर दी है. क्राइम ब्रांच मामले को देख रही है. इसके तहत हमने होटल अथॉरिटी से सीसीटीवी फुटेज निकालने को कहा है, ताकि उसकी जांच कर सके. हमने तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को पीड़ित का बयान और दूसरे जरूरी डॉक्युमेंट देने को कहा है. जैसे ही ये सब मिलता है, कानून के मुताबिक अगला कदम उठाया जाएगा.'
डीआईजी ने बताया, 'हम इस पूरे मामले को पूरी संवेदनशीलता से देख रहे हैं. पीड़ित से संपर्क की कोशिश की जा रही है. उनकी निजता का, पहचान की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा. अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर है, ऐसे में ज्यादा डिटेल्स शेयर नहीं किए जा सकते.'
इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज तक से बातचीत में ही साफ कर दिया था कि महिला पत्रकार भले ही पुलिस में शिकायत न करे, लेकिन फिर भी कार्रवाई जरूर की जाएगी क्योंकि यह सीधे तौर पर अपराध है, जिसमें पुलिस संज्ञान ले सकती है.
मामले पर बिल्कुल अलग वर्जन है तेजपाल का: शोमा
उधर तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने इस बात का खंडन किया कि मामले पर उनकी ओर से पर्याप्त कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा, 'मिस्टर तेजपाल का इस पूरे मामले पर कुछ और ही कहना है. लेकिन मैं महिला अधिकारों में यकीन करती हूं, इसलिए मैंने उनका वर्जन खारिज कर दिया और उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा.'
इससे पहले शोमा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि तरुण तेजपाल के माफी मांगने से पीड़िता संतुष्ट हो गई है और वह कोई बदला लेना नहीं चाहती. अब उसे इससे उबरने के लिए बस थोड़ा समय चाहिए.
महिला आयोग भी कर सकता है मामले की जांच
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि समाचार पत्रिका तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला यदि उनके समक्ष उठाया जाता है, तो वह मामले की जांच करेगा. महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, 'एक बार मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के पास लाया जाए, तो हम जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा हो. उसे अदालत में पेश होना पड़ेगा.' शर्मा ने तेजपाल द्वारा तहलका के मुख्य संपादक के पद से छह महीने के लिए त्यागपत्र देने की घोषणा पर कहा, 'तरुण तेजपाल भगवान नहीं हैं, जो खुद अपनी करनी की सजा तय करेंगे.'
महिला पत्रकार ने भी एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि वह इस पूरे प्रकरण पर तहलका के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिक्रिया से बेहद निराश है. उन्होंने यह भी कहा कि तहलका के दूसरे साथियों को सिर्फ तरुण तेजपाल की प्रतिक्रिया बताई गई. मेरी शिकायत के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया.
गौरतलब है कि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा हुए यौन उत्पीड़न की जब महिला पत्रकार ने शिकायत की, तो तरुण ने माफी मांगने के बाद खुद को बतौर प्रायश्चित छह महीने के लिए पत्रिका के संपादन से अलग कर लिया. इसके बाद भी हर जगह उनकी आलोचना हो रही है और उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग भी. इस मांग का आधार है, वह मेल जो पीड़ित ने अपनी प्रबंध संपादक को भेजा और अब साइबर वर्ल्ड में सर्कुलेट हो रहा है.इसका जवाबी मेल भी खूब शेयर किया जा रहा है. हम आज तक के पाठकों को इन दोनों मेल के जरूरी हिस्से बता रहे हैं.
क्या लिखा महिला पत्रकार ने अपने शिकायती मेल में
डियर शोमा (तहलका की प्रबंध संपादक)
मेरे लिए तुम्हें ये ईमेल लिखना बेहद तकलीफदेह है.जो बात मैं कहने जा रही हूं, उसे कैसे सरल ढंग से कहा जाए, ये सोचने में लगी हुई थी, मगर यही एक रास्ता समझ आ रहा है.पिछले सप्ताह तहलका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल ने थिंक के दौरान दो बार मेरा यौन उत्पीड़न किया.जब उन्होंने पहली बार ये हरकत की, तो मैं तुम्हें फौरन फोन कर बताना चाहती थी. या फिर तुम्हें आयोजन स्थल पर खोजकर आमने सामने ये बताती कि तरुण ने मेरे साथ क्या किया है.मगर उस वक्त तुम थिंक के आयोजन में बुरी तरह से व्यस्त थी.मुझे पता था कि उस वक्त एक मिनट के लिए भी ये मुमकिन नहीं था कि मैं अकेले में तुम्हें इस हरकत के बारे में बता पाती.
इसके अलावा मैं सकते में थी कि ये घिनौनी हरकत तरुण तेजपाल ने की है.वही तरुण, जो मेरे पिता के साथ काम कर चुके हैं, उनके दोस्त हैं. वही तरुण, जिनकी बेटी मेरी दोस्त है.वही तरुण जिनकी मैं इतने सालों से उनके काम के चलते इज्जत करती रही हूं.
तरुण ने दो बार मेरा यौन शोषण किया.हर बार मैं बुरी तरह हताश और पस्त होकर अपने कमरे में लौटी और वहां कांपते हुए रोती रही.इसके बाद मैं अपने सहकर्मियों के कमरे में गई और एक वरिष्ठ सहकर्मी को फोन कर इस बारे में सब कुछ बता दिया.जब दूसरी बार तरुण ने मेरा यौन उत्पीड़न किया, तो मैंने उनकी बेटी को इस बारे में शिकायत की.जब उनकी बेटी ने तरुण से इस बाबत सवाल जवाब किया, तो वह मुझ पर चीखते हुए गुस्साने लगे. पूरे थिंक फेस्टिवल के दौरान मैं तरुण से बचती रही. सिर्फ तभी उनके सामने आई, जब आसपास कई लोग मौजूद रहे हों.ये सिलसिला तब तक चला, जब तक यह फेस्ट खत्म नहीं हो गया.
शनिवार की शाम उन्होंने मुझे एक शातिरपने से भरा एसएमएस किया, जिसमें लिखा कि मैंने एक शराबी की दिल्लगी को गलत समझ लिया और उसका उल्टा ही अर्थ निकाल लिया.मगर ये सच नहीं है. दिल्लगी के दौरान कोई किसी पर यौन हमला नहीं करता.मेरे उनकी हरकत का हर ब्यौरा आपको भेज रही हूं, ताकि आपको समझ आए कि मेरे लिए ये कितना तकलीफदेह रहा होगा.कितना मुश्किल रहा होगा अपने साथ हुए इस हादसे के बारे में आपको बताना.और कितना जरूरी है तहलका के लिए विशाखा निर्देशों के मुताबिक एक एंटी सेक्सुअल हैरेसमेंट सेल बनाना.मैं चाहती हूं कि यही सेल इस मसले की जांच करे.
और आखिर में मैं तरुण तेजपाल से लिखित में माफी चाहती हूं.ये माफीनामा तहलका में काम करने वाले हर कर्मचारी से साझा किया जाना चाहिए.उन्होंने जिस तरह से एक महिला कर्मचारी के साथ बर्ताव किया, उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.