तहलका की महिला पत्रकार का दो बार यौन उत्पीड़न करने वाले संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस जल्द ही तरुण को पूछताछ के लिए समन भेजेगी. नवंबर के दूसरे सप्ताह में तहलका के सालाना जलसे थिंक 2013 के दौरान जिस होटल में तरुण तेजपाल ने महिला पत्रकार का यौन शोषण किया, उसकी फुटेज गोवा पुलिस ने खंगालनी शुरू कर दी है. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने आज तक से बातचीत में कहा कहा कि पुलिस को निर्देश दे दिए गए हैं, जांच होगी और अगर शिकायत सही पाई गई, तो कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी. मनोहर ने ये साफ कर दिया कि महिला पत्रकार भले ही पुलिस में शिकायत न करे, लेकिन फिर भी कार्रवाई जरूर की जाएगी क्योंकि यह सीधे तौर पर अपराध है, जिसमें पुलिस संज्ञान ले सकती है.
महिला आयोग भी कर सकता है मामले की जांच
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि समाचार पत्रिका तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला यदि उनके समक्ष उठाया जाता है, तो वह मामले की जांच करेगा. महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, 'एक बार मामला राष्ट्रीय महिला आयोग के पास लाया जाए, तो हम जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा हो. उसे अदालत में पेश होना पड़ेगा.' शर्मा ने तेजपाल द्वारा तहलका के मुख्य संपादक के पद से छह महीने के लिए त्यागपत्र देने की घोषणा पर कहा, 'तरुण तेजपाल भगवान नहीं हैं, जो खुद अपनी करनी की सजा तय करेंगे.'
महिला पत्रकार ने भी एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि वह इस पूरे प्रकरण पर तहलका के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिक्रिया से बेहद निराश है. उन्होंने यह भी कहा कि तहलका के दूसरे साथियों को सिर्फ तरुण तेजपाल की प्रतिक्रिया बताई गई. मेरी शिकायत के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया.
गौरतलब है कि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा हुए यौन उत्पीड़न की जब महिला पत्रकार ने शिकायत की, तो तरुण ने माफी मांगने के बाद खुद को बतौर प्रायश्चित छह महीने के लिए पत्रिका के संपादन से अलग कर लिया. इसके बाद भी हर जगह उनकी आलोचना हो रही है और उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग भी. इस मांग का आधार है, वह मेल जो पीड़ित ने अपनी प्रबंध संपादक को भेजा और अब साइबर वर्ल्ड में सर्कुलेट हो रहा है.इसका जवाबी मेल भी खूब शेयर किया जा रहा है. हम आज तक के पाठकों को इन दोनों मेल के जरूरी हिस्से बता रहे हैं.
क्या लिखा महिला पत्रकार ने अपने शिकायती मेल में
डियर शोमा (तहलका की प्रबंध संपादक)
मेरे लिए तुम्हें ये ईमेल लिखना बेहद तकलीफदेह है.जो बात मैं कहने जा रही हूं, उसे कैसे सरल ढंग से कहा जाए, ये सोचने में लगी हुई थी, मगर यही एक रास्ता समझ आ रहा है.पिछले सप्ताह तहलका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल ने थिंक के दौरान दो बार मेरा यौन उत्पीड़न किया.जब उन्होंने पहली बार ये हरकत की, तो मैं तुम्हें फौरन फोन कर बताना चाहती थी. या फिर तुम्हें आयोजन स्थल पर खोजकर आमने सामने ये बताती कि तरुण ने मेरे साथ क्या किया है.मगर उस वक्त तुम थिंक के आयोजन में बुरी तरह से व्यस्त थी.मुझे पता था कि उस वक्त एक मिनट के लिए भी ये मुमकिन नहीं था कि मैं अकेले में तुम्हें इस हरकत के बारे में बता पाती.
इसके अलावा मैं सकते में थी कि ये घिनौनी हरकत तरुण तेजपाल ने की है.वही तरुण, जो मेरे पिता के साथ काम कर चुके हैं, उनके दोस्त हैं. वही तरुण, जिनकी बेटी मेरी दोस्त है.वही तरुण जिनकी मैं इतने सालों से उनके काम के चलते इज्जत करती रही हूं.
तरुण ने दो बार मेरा यौन शोषण किया.हर बार मैं बुरी तरह हताश और पस्त होकर अपने कमरे में लौटी और वहां कांपते हुए रोती रही.इसके बाद मैं अपने सहकर्मियों के कमरे में गई और एक वरिष्ठ सहकर्मी को फोन कर इस बारे में सब कुछ बता दिया.जब दूसरी बार तरुण ने मेरा यौन उत्पीड़न किया, तो मैंने उनकी बेटी को इस बारे में शिकायत की.जब उनकी बेटी ने तरुण से इस बाबत सवाल जवाब किया, तो वह मुझ पर चीखते हुए गुस्साने लगे. पूरे थिंक फेस्टिवल के दौरान मैं तरुण से बचती रही. सिर्फ तभी उनके सामने आई, जब आसपास कई लोग मौजूद रहे हों.ये सिलसिला तब तक चला, जब तक यह फेस्ट खत्म नहीं हो गया.
शनिवार की शाम उन्होंने मुझे एक शातिरपने से भरा एसएमएस किया, जिसमें लिखा कि मैंने एक शराबी की दिल्लगी को गलत समझ लिया और उसका उल्टा ही अर्थ निकाल लिया.मगर ये सच नहीं है. दिल्लगी के दौरान कोई किसी पर यौन हमला नहीं करता.मेरे उनकी हरकत का हर ब्यौरा आपको भेज रही हूं, ताकि आपको समझ आए कि मेरे लिए ये कितना तकलीफदेह रहा होगा.कितना मुश्किल रहा होगा अपने साथ हुए इस हादसे के बारे में आपको बताना.और कितना जरूरी है तहलका के लिए विशाखा निर्देशों के मुताबिक एक एंटी सेक्सुअल हैरेसमेंट सेल बनाना.मैं चाहती हूं कि यही सेल इस मसले की जांच करे.
और आखिर में मैं तरुण तेजपाल से लिखित में माफी चाहती हूं.ये माफीनामा तहलका में काम करने वाले हर कर्मचारी से साझा किया जाना चाहिए.उन्होंने जिस तरह से एक महिला कर्मचारी के साथ बर्ताव किया, उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
(इस ईमेल में कई पत्रकारों के नाम का जिक्र हुआ, जिन्हें यौन उत्पीड़न के मामलों में अपनाई जाने वाली गाइडलाइन के तहत नहीं लिखा गया है.)
ये रहा तरुण तेजपाल का जवाब
मैं पहले ही इस मामले से संबद्ध पत्रकार से बिना शर्त अपने बुरे व्यवहार के लिए माफी मांग चुका हूं. मगर मुझे लगता है कि अभी और प्रायश्चित करना होगा.तहलका को मैंने अपने खून, पसीने और आंसुओं से हर दिन पाला पोसा है, बनाया है.इस काम में मेरे करीबियों की भी इतनी ही मेहनत रही है.इसने हमारे वक्त की कई मुश्किल और जरूरी लड़ाइयां लड़ी हैं.हमेशा पीड़ित के साथ खड़ा रहा है, हमें न्याय का पक्ष लिया है.
बुरे से बुरे वक्त में मैंने तहलका और इसके पत्रकारों को सत्ता प्रतिष्ठान और दूसरे कॉरपोरेट दबावों से मुक्त रखा है और बचाया भी है.मैंने हमेशा ये माना है कि तहलका नाम का संगठन और इसका काम किसी भी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है.और ऐसे में यह बेहद त्रासद है कि एक गलत फैसला लेकर मैंने खुद अपने ऊंचे मूल्यों को ठेस पहुंचाई है.चूंकि यह मामला तहलका का है, इसिलए मुझे लगता है कि सिर्फ कुछ शब्द बोलकर प्रायश्चित नहीं किया जा सकता.मुझे ऐसे कठोर दंड से गुजरना ही होगा, जो मेरी चीर फाड़ करे.इसलिए मैं यह प्रस्तावित करता हूं कि तहलका के संपादक की पदवी और इसके दफ्तर से मैं छह महीने के लिए दूर रहूं.
शोमा तुम हमेशा इस संगठन की प्रमुख स्तंभ रही हो. मैं तुमसे और सभी कर्मचारियों से माफी मांगता हूं.मैं तुम्हारे काबिल हाथों में तहलका सौंप रहा हूं.
तरुण तेजपाल