इंडिया टुडे कॉनक्लेव में नरेंद्र मोदी ने गुड गवर्नेंस पर बढ़ चढ़ कर अपना नजरिया पेश किया और बताया कैसे उन्होंने गुजरात में बदलाव लाया.
मोदी ने कहा, ‘हम सरकारों को सरकारी तौर पर चला रहे हैं. यही भाव भाव जनता में है जिसे बदलने की जरूरत है. वोट देकर 5 साल के लिए कांट्रैक्ट देने की परंपरा को बदलना होगा. गुजरात ने उस दिशा में कोशिश की है जिसके हमें परिणाम मिले हैं.’
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बिजली के लिए किसान आंदोलन करते रहे हैं. मोदी ने बताया कि कैसे उन्होंने गुजरात के किसानों को बिजली के झगड़े से मोड़ कर पानी की चिंता करने पर केंद्रित किया.
उन्होंने बताया, ‘मेरी सोच थी कि जब तक मैं अपने किसानों को बिजली से पानी की ओर केंद्रित नहीं करता हूं मैं अपने गुजरात को नहीं बदल सकता. आज गुजरात का किसान माइक्रो इरिगेशन की ओर उन्मुख है. आज 8 लाख हेक्टेयर भूमि में माइक्रो इरिगेशन होता है. उसका परिणाम सबों के सामने है.’
मोदी ने कहा कि गुजरात में नौकरशाही के लिए चिंतन शिविर लगाया गया जहां उन्हें जनता के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया गया.
देश को एक्ट नहीं एक्शन की जरूरतः नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा, ‘जनता को देश के संविधान में सभी अधिकार मिले हैं. जिम्मेवारियां भी थीं, कर्तव्य भी थे. आज सरकारें अपने कामों का बखान करती हैं, एक्ट बनाती हैं. लेकिन क्या ये संविधान में प्राप्त अधिकारों से अलग है. देश को एक्ट नहीं एक्शन चाहिए.’