फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ चल रहे आर्म्स एक्ट मामले में एक बार फिर राहत मिल गई है. मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी. अहम बात यह है कि तब तक अधीनस्थ न्यायालय में गवाहों के बयान नहीं होंगे. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जस्टिस निर्मलजीत कौर ने आदेश देते हुए निचली अदालत के मामले पर सुनवाई नहीं करने के आदेश दिए. आदेश के साथ ही अधीनस्थ अदालत में संभावित गवाहों के बयान भी अगली सुनवाई तक टल गए हैं.
फिल्म अभिनेता सलमान के खिलाफ आर्म्स एक्ट मामले में दायर आपराधिक याचिका में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब करते हुए अधीनस्थ न्यायालय में चल रही सुनवाई को फिलहाल टालने के आदेश दिए हैं. निगरानी याचिका के तहत 23 मार्च तक राज्य सरकार सलमान खान के खिलाफ जवाब पेश करेंगी.
कोर्ट ने सलमान खान को कुछ दिनों के लिए राहत दे दी है. दस्तावेजों के आधार पर मामले की सुनवाई अवधि में इजाफा तय माना जा रहा है. कोर्ट ने भले ही सलमान खान को सुनवाई के लिए अवसर प्रदान किया हो लेकिन मामले में फिल्म अभिनेता की मुश्किलें कम होती नहीं लग रही है। अब तक के साक्ष्यों के अनुसार सलमान खान पर शिकंजा कसा हुआ लग रहा है.
गौरतलब है कि सलमान खान मामले की सुनवाई सोमवार को होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई लिए टल मंगलवार तक टल गई थी. इससे पहले भी पीठासीन अधिकारी अनुपमा बिजलानी के अवकाश पर होने की वजह से पिछली सुनवाई को 16 मार्च तक के लिए टाल दिया गया था. इस बीच जानकारी मिली है कि सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने निगरानी याचिका पेश कर सीजेएम कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
गौरतलब है कि राजस्थान में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान काले हिरन के शिकार का आरोप सलमान खान, सोनाली बेंद्रे, तबु, नीलम और अन्य पर लगाया गया था. निचली अदालत ने सलमान को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत 10 अप्रैल, 2006 को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था.