राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 91 साल के इतिहास में बड़ा बदलाव हुआ है. RSS के महासचिव भैयाजी जोशी ने नागौर में प्रतिनिधि सभा में बताया कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई ड्रेस में खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट को जगह दी गई. रंग को लेकर भैयाजी जोशी ने कहा कि इसके चुनने के पीछे कोई कारण नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि केवल निकर की संघ की पहचान नहीं है.
We have decided to replace khaki shorts with brown-colored full pants (RSS uniform): Bhaiyyaji Joshi, RSS pic.twitter.com/tmmCYdoB9t
— ANI (@ANI_news) March 13, 2016
संघ के सरकार्यवाहक सुरेश भैयाजी जोशी ने हम अड़ियल रुख नहीं रखते और समय के अनुसार फैसले लेते हैं. साल 1925 में संघ की स्थापना के बाद से ढीला-ढाला खाकी निकर संगठन की पहचान रहा है. शुरू में 1940 तक संघ के गणवेश में खाकी कमीज और निकर होते थे और बाद में सफेद कमीज इसमें शामिल हो गई.
जोशी ने इसे बड़ा बदलाव बताते हुए कहा, ‘आज के सामाजिक जीवन में पैंट नियमित रूप से शामिल है और इसी को देखते हुए हमने हमारा फैसला किया.’ संघ पदाधिकारी ने प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, ‘हमने भूरे रंग पर फैसला किया जिसकी कोई विशेष वजह नहीं है बल्कि यह आराम से उपलब्ध है और अच्छा दिखाई देता है.’ क्या इससे संघ स्वयंसेवकों की पहचान पर कोई असर पड़ेगा, इस प्रश्न पर जोशी ने कहा कि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा और अगले चार-छह महीने में इसे सहजता से स्वीकार किया जाएगा.
जाति आधारित आरक्षण सही
भैयाजी जोशी ने आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि संपन्न वर्ग को इसकी मांग नहीं करनी चाहिए. जातीय आधार पर ही आरक्षण सही है. जबकि भैयाजी ने माना कि योग्य लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए, इस पर विचार होना चाहिए.
देश विरोधी नारे लगाने वालों को क्या कहें?
वहीं JNU मामले में बोलते हुए भैयाजी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. यह घटना देशभक्तों के लिए चिंता का विषय जरूर है. जबकि देश विरोधी नारे लगाने वालों पर बोलते हुए कहा कि हम क्या कहें? साथ ही इस बात पर जोर दिया कि देश की अखंडता के लिए सभी को खड़ा होना चाहिए. JNU की घटना राजनीतिक नहीं है.
बीजेपी के काम मे हम दखल नहीं देते
भैयाजी जोशी ने सरकार में RSS के हस्तक्षेप के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हम बीजेपी के काम में दखल नहीं देते हैं. जबकि मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर बोलते हुए कहा कि इस मुद्दे का हल बातचीत से निकाला जाना चाहिए. और इस तरह की अनुचित परंपराओं को बातचीत से दूर करना चाहिए. यही नहीं उन्होंने कहा कि संघ की पहचान कई विषयों से बनी है. जबकि सरकार के कामकाज पर बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के कामकाज से समाज खुश है.