दिल्ली की एक अदालत ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से कहा है कि वे यूट्यूब, फेसबुक और अन्य वेबसाइटों से उस वीडियो को हटा दें, जिसमें सिख धर्म और उनके गुरुओं के खिलाफ कथित रूप से नफरत भरे भाषण और अपमानजनक टिप्पणियां हैं. कोर्ट ने इसके लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है.
सिविल जज जसजीत कौर ने चैंबर में सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथमदृष्टया लगता है कि कथित तौर पर वीडियो में साक्षी भारद्वाज ने सिख गुरुओं और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपमानजनक बातें कहीं.
जीएस वाली नामक शख्स की याचिका पर एकपक्षीय निषेधाज्ञा की मांग करने वाले वकील गुरमीत सिंह के अनुसार अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया पर लगातार इस तरह के वीडियो डाले जाने से सिख धर्म के अनुयायी आहत हो सकते हैं.
माना जाता है कि अदालत ने कहा कि अगर गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस तरह के अपमानजनक वीडियो डालने से नहीं रोका गया तो सामाजिक सौहार्द्र और कानून-व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
अदालत ने गूगल इंडिया प्रा. लि. और इसके अधिकारियों के किसी भी धर्म, विशेष रूप से सिख धर्म और इस धर्म के गुरुओं के खिलाफ ऐसे वीडियो या लेख को अपलोड करने या प्रकाशित करने पर रोक लगा दी.
कोर्ट ने गूगल इंडिया को उन सभी वीडियो को हटाने का निर्देश भी दिया जिसमें साक्षी भारद्वाज है. गुरमीत सिंह ने कोर्ट में कहा कि ऐसे भाषण सोशल मीडिया पर चल रहे हैं, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गूगल इंडिया ने कोर्ट के आदेश बिना इन वीडियो को हटाने से इनकार कर दिया था.
कोर्ट ने याचिका पर गूगल इंडिया और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस भी जारी किया. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय की.