उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी ने कहा है कि ये चुनाव एकतरफा नहीं होगा. आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि सच्चाई की जीत निश्चित है.
विपक्ष के आंकड़े को कमतर नहीं आंकें
गौरलतब है कि कांग्रेस समेत 18 विपक्षी दलों की बैठक में गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया गया था. गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि ये चुनाव एकतरफा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के आंकड़े को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए.
सत्य की होगी जीत
पूर्व आईएएस अधिकारी रहे गोपालकृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र हैं. उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और सत्यमेव जयते का काफी महत्व है. ये देश का आईना है. उन्होंने कहा कि सत्य का हमेशा महत्व है. सत्य की हमेशा जीत होती है.
गोपालकृष्ण गांधी के बारे में जानें सब कुछ-
71 वर्षीय गोपालकृष्ण गांधी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. वे बंगाल के पूर्व गवर्नर भी रह चुके हैं. वे बंगाल के 22 वें गवर्नर थे. 2004 से 2009 तक इस पद पर कार्यरत रहे. वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं. इनका जन्म 22 अप्रैल 1945 को हुआ था.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व सदस्य के रूप में उन्होंने अन्य प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों के बीच भारत के राष्ट्रपति के सचिव के रूप में सेवा दी. वे दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में उच्चायुक्त के रूप में भी कार्यरत रहे.
जानें कब किस पद पर थे गोपालकृष्ण गांधी
1968 -1985 में आईएएस अधिकारी बने.
1985-1987 भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव रहे.
1987-1992 भारत के राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव रहे.
1992 - ब्रिटेन के उच्चायोग में आईएएस 1992 के मंत्री (संस्कृति) से सेवानिवृत्त हुए और नेहरू सेंटर, लंदन, ब्रिटेन के निदेशक थे.
1997-2000 भारत के राष्ट्रपति के सचिव रहे.
2000 - श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त पद पर कार्यरत रहे.
2002 - भारत के नॉर्वे, और आइसलैंड में राजदूत रहे
2004 - पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे.
2006 - बिहार के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार)