पुंछ हमले पर जिस बयान को लेकर बीजेपी अब तक रक्षा मंत्री ए के एंटनी को घेरती आई, अब खुद भी उसी सियासी बयानबाजी के दलदल में फंसती नजर आ रही है. इसकी वजह है पार्टी के नेता गोपीनाथ मुंडे का वो बयान जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवान कुंडलीक माने पाकिस्तान बॉर्डर पर आतंकी हमले में शहीद हो गए थे.
जैसे ही मुंडे ने ये बयान दिया एनसीपी ने उनपर धावा बोल दिया. अब एनसीपी उनसे माफी की मांग कर रही है. एनसीपी ने बीजेपी पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
एनसीपी ने कहा, 'बीजेपी ने ऐसे ही बयान पर एंटनी की माफी को लेकर दो दिन तक संसद नहीं चलने दी. शहीद माने की मौत पाकिस्तान बॉर्डर नहीं बल्कि एलओसी पर हुई थी. अब बीजेपी क्या कहेगी? मुंडे के इस बयान पर बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए.'
दरअसल, गोपीनाथ मुंडे कोल्हापुर में शहीद कुंडलीक माने के अंतिम-संस्कार में शामिल होने गए थे. उन्होंने ये बातें इस दौरान ही कहीं.
शहीदों पर सियासत का सिलसिला यहीं नहीं थमा. एनसीपी ने शहीद जवान के अंतिम-संस्कार में नहीं आने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर भी निशाना साधा है. पार्टी ने कहा है कि राजकीय सम्मान के कुछ प्रोटोकॉल होते हैं. प्रोटोकॉल का पालन तो हुआ. पर राज्य के मुख्यमंत्री को नैतिक तौर पर आना चाहिए था.
गौरतलब है कि शहादत पर बयानबाजी की शुरुआत मंगलवार को रक्षा मंत्री के उस बयान से हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि 'हमलावर पाक सेना की वर्दी में आए थे'. बीजेपी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा था कि ऐसा कहना पाकिस्तानी सेना को क्लीनचिट देना है.
हालांकि, चौतरफा दबाव के बीच रक्षा मंत्री ने गुरुवार को संसद में माना कि चक्कां दा बाग चौकी पर हुआ हमला, जिसमें पांच भारतीय जवान शहीद हो गए, पाकिस्तानी सेना की ओर से ही किया गया था.