वरिष्ठ बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह दावा कर कि उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में 8 करोड रुपये खर्च किए थे, एक विवाद को जन्म दे दिया है और महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने चुनाव आयोग से मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.
लोकसभा में बीजेपी के उप नेता मुंडे ने गुरुवार को एक किताब के विमोचन के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि उन्होंने साल 1980 में हुए चुनावों में जहां मात्र 29000 रुपये खर्च किए थे, वहीं साल 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें 8 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे.
उन्होंने कहा कि चुनावों में निर्धारित व्यय की सीमा से कहीं अधिक खर्च होता है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि समारोह में चुनाव आयोग का कोई अधिकारी मौजूद है लेकिन अगर है भी तो अब अगले लोकसभा चुनावों में मात्र 6 महीने का समय रह गया है. अगर कोई मामला दर्ज भी किया जाता है तो होने दीजिए. मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है.
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह फैसला करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड सकता है या नहीं. कानून मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी.