गोरखपुर में पिछले सात दिनों 64 बच्चों की मौत ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. रविवार को मुख्यमंत्री योगी केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा खुद गोरखपुर पहुंचे. बीआरडी अस्पताल का मुयाअना किया और जब प्रेस के सामने आए तो ऑक्सीजन बाधित होने की थ्योरी को लगातार दूसरी बार गलत बताया. इस बीच विपक्ष के साथ-साथ दूसरी बड़ी हस्तियां भी इस मामले को लेकर सरकार से सवाल पूछ रही है.
कुलस्ते के विवादित बोल
इस बीच गोरखपुर में बच्चों की मौत पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि इसमें किसी की साजिश भी हो सकती है. यानी कुलस्ते मामले को नया मोड़ देने में जुटे हैं.
CM योगी आदित्यनाथ का इमोशनल कार्ड
सीएम योगी ने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में भावुक अंदाज में जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों को मरते हुए देखा है. उन्होंने कहा 'इस मुद्दे पर मुझसे अधिक संवेदनशील और कौन हो सकता है. मैंने इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाया है. इस बीमारी की पीड़ा मुझसे ज्यादा और कौन समझेगा.' मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के 35 जिलों में 90 लाख से ज्यादा बच्चों के टीकाकरण का सघन अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का यह उनका चौथा दौरा है.
योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत का कारण बनने वाले मस्तिष्क ज्वर पर गहन शोध के लिए एक क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा किए बगैर इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ जंग नहीं जीती जा सकती. मुख्यमंत्री ने कहा 'पूर्वी उत्तर प्रदेश की बनावट ऐसी है कि हम संचारी रोगों से लड़ाई को तब तक नहीं जीत सकते जब तक यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर नहीं बन जाता.
केंद्रीय मंत्री नड्डा का 'रिसर्च सेंटर' दांव
वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग पर गोरखपुर में मष्तिष्क ज्वर रोग पर गहराई से शोध के लिए एक 'रीजनल वायरस रिसर्च सेंटर' स्थापित होगा. केन्द्र सरकार इसके लिए 85 करोड़ रुपये देगी. उन्होंने कहा कि योगी इंसेफलाइटिस के उन्मूलन के लिए संवेदनशील हैं. उनके ही प्रयास से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इंसेफलाइटिस रोधी टीकाकरण को जोड़ा गया है. गोरखपुर में अनुसंधान केन्द्र बन जाने से इस बीमारी पर रोक लगाने में सफलता मिलेगी. यह केंद्र पूर्ण विकसित होगा जिससे बच्चों में होने वाले अन्य रोगों के निदान में भी मदद मिलेगी.
मायावती: बीएसपी प्रमुख मायावती ने गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर सीएम मोदी पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि CM का 'दोषियों को बख्शेंगे नहीं' और 'अपराधियों को बख्शेंगे नहीं' जैसे उपदेश सुनते-सुनते अब प्रदेश की जनता ऊब चुकी है, क्योंकि ऐसी घोषणाओं के बाद न तो कोई सख्त कार्रवाई दोषियों के खिलाफ हो रही है और न ही शर्मनाक एवं दुःखद आपराधिक घटनायें ही रूक रही हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल को बलि का बकरा बनाकर प्रदेश सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से भागने का ही प्रयास किया है. मायावती ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के बयान 'अगस्त के महीने में काफी बच्चों की मौत होती है' की निंदा की.
सिद्धार्थ नाथ सिंह: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत पर योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से बच्चों की मौतें नहीं हुई हैं. उन्होंने दावा किया कि बच्चों की मौत स्वाभाविक है और हर साल अगस्त महीने में बच्चों की मौत की संख्या बढ़ती है. हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति चार घंटे के लिए बाधित रही थी. साथ ही मंत्री ने कहा कि 'त्रासदी के लिए जिम्मेदार किसी को भी छोड़ा न जाए'.
आशुतोष टंडन: चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का लंबित भुगतान पांच अगस्त को कर दिया गया था और मेडिकल कॉलेज को धनराशि भेज दी गई थी, लेकिन यह चौंकाने वाला है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा ने 11 अगस्त तक भुगतान राशि जारी क्यों नहीं की.
साक्षी महाराज: वैसे तो विवादित बयान के लिए बीजेपी सांसद साक्षी महाराज जाने जाते हैं. गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में हुई इस दर्दनाक घटना को लेकर कहा, 'मासूमों की मौत सामान्य नहीं मानी जाएगी'. एक-दो मौतें ही सामान्य होती हैं, इतनी नहीं, यह जनसंहार है.
कैलाश सत्यार्थी: बाल अधिकारी के लिए काम करने वाले और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस हादसे को 'जनसंहार' की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि इस तरह को सामान्य नहीं कहा जा सकता है. लोगों जिंदगी की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचते हैं, उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
30 kids died in hospital without oxygen. This is not a tragedy. It's a massacre. Is this what 70 years of freedom means for our children?
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) August 11, 2017
अखिलेश यादव: पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सिस्टम की गड़बड़ी ने बच्चों का मारा और इसके लिए सूबे की सरकार जिम्मेदार है. प्रिंसिपल को हटाने से कुछ नहीं होगा. सपा ने रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच दल भी गोरखपुर भेजा.
राजनीतिक दुर्भावना की भी सीमा होनी चाहिए , गोरखपुर में हेल्थ इनफार्मेशन सिस्टम का भुगतान रोक कर यह सरकार क्या साबित करना चाहती है?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 13, 2017
स्वरा भास्कर: अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने गोरखपुर के BRD अस्पताल में बच्चों की मौत पर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से इस्तीफा देने की मांग की है. अभिनेत्री ने बच्चों की मौत पर ट्विटर पर अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने लिखा, 'यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कृपया अपने पद से इस्तीफा दें.' वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत अक्षम्य है.'
UP health minister #SiddharthNathSingh PLS RESIGN
— Swara Bhasker (@ReallySwara) August 12, 2017
अनुप्रिया पटेल: केंद्रीय अनुप्रिया पटेल ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में छोटे बच्चों की मौत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित हम सभी दुखी हैं. प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर मुझे गोरखपुर जाने के लिए निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई दोषी है तो सरकार कठोरता के साथ कार्रवाई करेगी. मुख्य रूप से प्रिंसिपल का दोष पाया गया, उनकी भूमिका थी इसलिए उन्हें निलंबित किया गया.
गुलाम नबी आजाद: कांग्रेस पार्टी ने बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बच्चों की दुखद मौत को राज्य सरकार की लापरवाही बताई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर ने अस्पताल का दौरा किया और रोगियों और उनके परिजनों से उनका हाल चाल पूछा. यह दुखद घटना राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से हुई और हम इसके लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य सचिव को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. इस घटना में डॉक्टरों का कोई कसूर नहीं है.
केशव प्रसाद मौर्य: गोरखपुर के इस मेडिकल कालेज में हुई इस दुखद घटना में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ निश्चित ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अधिकारिक टि्वटर एकाउंट से ट्वीट किया गया कि मुख्यमंत्री ने मामले की गहन जांच कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
जो हुआ वह अत्यंत दुखद है हमारी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवार के साथ है | दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी और बख्शे नहीं जायेंगे |
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 12, 2017