आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने लोकपाल बिल को लेकर यूपीए सरकार पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है. केजरीवाल ने कहा कि एक कमजोर बिल को मंजूरी देकर केंद्र सरकार पूरे देश को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि लोकपाल बिल के नए ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में बिल में किए गए संशोधन को मंजूरी दे दी गई. अब इस बहुप्रतिक्षित बिल को संसद के आगामी बजट सत्र में राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
केजरीवाल ने कहा, 'यह दुनिया की पहली ऐसी भ्रष्टाचार निरोधी संस्था होगी जिसके पास जांच करने का अधिकार नहीं होगा. यह महज एक और संस्था की तरह होगी.'
वहीं सभी राजनीतिक पार्टियों पर वादा से मुकरने का भी आरोप लगाते हुए कहा केजरीवाल ने कहा कि अगस्त 2011 में संसद ने देश से जो वादा किया था उसके बारे इस लोकपाल बिल में कोई चर्चा नहीं है. इस बिल में सिटिजन चार्टर, राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्क्ति और पूरी नौकरशाही को लोकपाल के दायरे लाने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार विरोधी नहीं बल्कि उनकी मदद करने वाला बिल है. पहली दफा ऐसा होगा जब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले उन्हें कारण बताओं नोटिस भेजा जाएगा. ऐसा कहीं होता है क्या. इसके अलावा सरकार अब भ्रष्टाचारियों को मुफ्त में वकील मुहैया कराएगी.
सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति को लेकर बनाई गई तीन सदस्यीय समिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आखिर सरकार सीबीआई को स्वतंत्र क्यों नहीं कर देती?
'आप' नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से बाहर कर दिया गया तो मौजूदा कैबिनेट में शामिल आधे से अधिक मंत्री जेल में होंगे और इनके लिए असल परेशानी यही है.
अंत में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की है कि पीएम एक सख्त लोकपाल बिल पास करें ताकि उनको देश हमेशा याद रखे, वर्ना वो भी सिर्फ इतिहास के पन्नों का हिस्सा बनकर रह जाएंगे.