राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरकार की तरफ से औपचारिक बैठकें जारी हैं. शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बनाई गई सरकारी टीम के दो सदस्य राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दस जनपथ स्थित उनके आवास पर मिले. 25 मिनट चली इस बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल रहे.
दरअसल, सरकार की तरफ से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार पर उन्होंने अपनी तरफ से सर्वसहमति बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है. दस जनपथ से जब वेंकैया नायडू और राजनाथ सिंह एक ही गाड़ी में निकले, तो राजनाथ सिंह के चेहरे पर रहस्यमय मुस्कान इस बात का संकेत दे रही थी. हालांकि दोनों ही किसी भी तरह का बयान देने से बचते नजर आए.
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सरकार ने कोई नाम सामने नहीं रखा है. दस जनपथ पर चाय पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने सोनिया गांधी से कहा कि अभी उनकी पार्टी ने कोई नाम तय नहीं किया है. मगर प्रधानमंत्री के विदेश दौरे से पहले यानी 24 जून से पहले सरकार नाम फाइनल कर लेगी और उसके बाद वह विपक्षी पार्टियों से समर्थन मांगेगी. मतलब साफ है कि सरकार अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करेगी और फिर उम्मीद करेगी कि विपक्षी दल उसका समर्थन करें.
ऐसे में इस बात की संभावनाएं अब ज्यादा बन गई है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के उम्मीदवार इस चुनाव में आमने-सामने होंगे. कांग्रेस का मानना है कि सरकार इस तरह की बैठक करके महज दिखावेबाजी कर रही है और इस परिस्थिति में अगर सरकार 23 से 24 तारीख तक अपना उम्मीदवार घोषित करती है, तो कांग्रेस को उससे पहले ही विपक्षी दलों के उम्मीदवार पर विचार-विमर्श करना पड़ेगा.
अब 21 या 22 तारीख को विपक्षी नेताओं की बैठक होने की उम्मीद है. यह संभावना इस बात से भी प्रबल हो जाती है कि लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने सरकार के उम्मीदवार का विरोध करने का मन बना लिया है और इस बात को वे सार्वजनिक तौर पर भी कह चुके हैं.
भागवत ने प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की
शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जारी रस्साकसी के बीच
यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. हालांकि शिष्टाचार के नाते RSS प्रमुख पहले भी प्रणब मुखर्जी से मिलते रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव
के मौसम में इस बैठक को सिर्फ शिष्टाचार भेंट नहीं कहा जा सकता है और इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में
दोपहर भोज पर दोनों ने मुलाकात की.