राफेल सौदे को लेकर सोमवार सुबह फिर कांग्रेस हमलावर मोड में आ गई. अंग्रेजी अखबार द हिंदू में फिर एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें यह दावा किया गया है कि केंद्र सरकार इस सौदे को लेकर इतनी हड़बड़ी में थी कि उसने एंटी करप्शन क्लॉज जैसी महत्वपूर्ण शर्त को हटा दिया. इस खबर के छपते ही कांग्रेस के कई नेताओं ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज कसा है.
रिपोर्ट के अनुसार, 'सरकार ने एक एस्क्रो अकाउंट रखने के वित्तीय सलाहकारों की बात को भी खारिज कर दिया, क्योंकि पीएमओ ने सॉवरेन या बैंक गारंटी की शर्त को खत्म करने का दबाव बनाया था.'
द हिंदू की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि करीब 7.87 अरब यूरो के राफेल सौदे में भारत सरकार ने कई तरह की अभूतपूर्व रियायतें दीं. अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर दस्तखत के कुछ दिनों पहले ही भ्रष्टाचार विरोधी जुर्माना और एस्क्रो अकाउंट के जरिए भुगतान जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को हटा दिया गया.
कांग्रेस ने कहा-पीएमओ किसे बचाना चाहता था?
कांग्रेस ने इस खबर के छपने के बाद ट्वीट कर कहा, 'पीएमओ द्वारा सॉवरेन गारंटी को खत्म करने के दबाव के बाद अब पता चला है कि पीएमओ ने मानक एंटी-करप्शन क्लॉज हटाने के लिए भी कहा. पीएमओ आखिर किसे बचाना चाहता था?
रिपोर्ट में कहा गया है, 'गैरवाजिब प्रभाव, एजेंट या एजेंसी को कमीशन देना, दसॉ एविशन और एमबीडीए फ्रां कंपनी के खातों तक पहुंच आदि पर जुर्माने की जो मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) अपनाई जाती थी, उच्च स्तरीय राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से उसे भारत सरकार ने सप्लाई प्रोटोकॉल से हटा दिया.'After the PMO forced the waiver of a sovereign guarantee, it now turns out the PMO asked for the WAIVER of standard ANTI-CORRUPTION clauses. Who was the PMO trying to shield?
There is no doubt that #ChowkidarChorHai https://t.co/PazfiurSHf
— Congress (@INCIndia) February 11, 2019
कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने इस पर ट्वीट कर कहा, 'कोई सॉवरेन गारंटी नहीं, बैंक गारंटी भी नहीं, कोई एस्क्रो अकाउंट नहीं, फिर भी बड़ी रकम एडवांस में दी गई...
गौरतलब है कि 23 सितंबर, 2016 को भारत और फ्रांस के बीच जिस आईजीए पर दस्तखत हुआ था उसके मुताबिक राफेल को एयरक्राफ्ट पैकेज और एमबीडीए फ्रांस को हथियारों के पैकेज की आपूर्ति भारतीय वायु सेना को करनी है.No sovereign guarantee, no bank guarantee, no escrow account, yet a huge amount was paid as advance.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 11, 2019
आईजीए से लेकर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट तक में बदलाव!
द हिंदू का दावा है कि उसके पास जो आधिकारिक दस्तावेज हैं, उनके मुताबिक तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाले रक्षा खरीद परिषद (DAC) की सितंबर, 2016 में बैठक हुई और इसके द्वारा आईजीए, सप्लाई प्रोटोकॉल, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट और ऑफसेट शेड्यूल में आठ बदलाव किए गए.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी सरकार के राफेल घोटाले की कहानी, किसी भी तरह से सौदा हासिल करो, महत्वपूर्ण शर्तें भाड़ में जाएं, तमाम लोगों के विरोध के बावजूद हम मोदी जी के दोस्त को बचाने के लिए काम करेंगे...
The story of Modi government’s Rafale Scam:
Get the deal at any cost
Important clauses can get lost
Despite opposition by most
We work to please Modiji’s dost#ChowkidaarChorHai pic.twitter.com/wPHrTF72u9
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) February 11, 2019