बरेली और हैदराबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया है कि वह उनके हितों की सुरक्षा के लिए दृढ संकल्प है और साम्प्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए इस साल के अंत तक एक नया कानून आ जायेगा.
गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने नई दिल्ली में राज्यों के अल्पसंख्यक आयोगों के वाषिर्क सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में छोटी छोटी बातों को लेकर सांप्रदायिक दंगे भडके हैं. उनमें से कुछ के पीछे तो पूर्व में हुआ कोई छोटा मोटा झगड़ा भी रहा है और जिसका परिणाम यह हुआ कि अल्पसंख्यक समुदाय में भय और असुरक्षा का वातावरण बना है तथा लोगों की आपस की दूरी बढी है.
गृहमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय में किसी भी प्रकार के दंगे की आशंका को तत्काल दूर करने की आवश्यकता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाये रखने और सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को समान अवसर प्रदान करने को प्रतिबद्ध है.
चिदम्बरम ने कहा कि केन्द्र सरकार दिसंबर 2005 से ऐसा कानून बनाने के लिये काम कर रही है जिसके तहत सांप्रदायिक हिंसा को रोका जा सके और दंगा पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके. इस आशय का एक विधेयक 2005 को संसद की स्थायी समिति को सौंपा गया था.
उन्होंने कहा कि उनको इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस साल के अंत तक साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने और नियंत्रित करने तथा पीडितों के पुनर्वास के लिए कानून अवश्य बन जायेगा.