गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू में तीखी बहस हुई. वेंकैया नायडू ने शिंदे के बयान पर निराशा जाहिर की और आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के प्रति गंभीर नहीं है."/> गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू में तीखी बहस हुई. वेंकैया नायडू ने शिंदे के बयान पर निराशा जाहिर की और आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के प्रति गंभीर नहीं है."/> गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू में तीखी बहस हुई. वेंकैया नायडू ने शिंदे के बयान पर निराशा जाहिर की और आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के प्रति गंभीर नहीं है."/>
राज्यसभा में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू में तीखी बहस हुई. वेंकैया नायडू ने शिंदे के बयान पर निराशा जाहिर की और आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के प्रति गंभीर नहीं है.
वेंकैया नायडू ने कहा, 'हैदराबाद धमाके पर सरकार के रवैये से मैं काफी निराश हूं. सरकार के पास आतंकवाद से निपटने के लिए कोई नीति नहीं है. उसके पास दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव है. उन्होंने सवाल उठाया कि शिंदे धमाके वाले दिन ही हैदराबाद क्यों नहीं गए.'
जवाब में शिंदे ने कहा कि वह रात भर सोए नहीं. रात भर टीवी देखते रहे और सुबह 4 बजे हैदराबाद गए.
वेंकैया ने दिया आपत्तिजनक बयान
शिंदे के राज्यसभा में आने से पहले वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में गृहं मंत्री के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया. उन्होंने गुस्से में कहा - 'Sushil Kumar Shinde can go to hell'. वेंकैया के इस बयान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ.
भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने कहा, ‘आतंकवाद के ज्वलंत मुद्दे पर सरकार की कार्रवाई पर्याप्त नहीं है. सरकार इसे लचर और सामान्य तरीके से ले रही है.’ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी खुफिया जानकारी में इस बात का जिक्र किया था कि हैदराबाद, बेंगलूर, महाराष्ट्र और अन्य इलाकों में इस तरह के विस्फोटों की आशंका है.’ भाजपा नेता ने कहा कि एनआईए ने दो दिन पहले इस तरह की जानकारी दी थी जिसकी पुष्टि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी की.
उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर मामला है और सरकार इस विषय पर बातचीत के लिए तैयार नहीं है. हम चाहते हैं कि सांसद अपने विचार रखें और गृहमंत्री को अपना बयान देना चाहिए. ’ शिंदे के हैदराबाद जाने के संबंध में नायडू ने कहा, ‘गृहमंत्री को घटना के दिन ही हैदराबाद जाना चाहिए था और शुक्रवार सुबह वापस आना चाहिए था. सरकार संसद की अनदेखी कर रही है.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘गृहमंत्री अकसर अपना रुख बदलते हैं. पहले उन्होंने कहा कि संभावित आतंकवादी हमलों पर खुफिया जानकारी थीं और बाद में उन्होंने कहा कि कोई विशेष जानकारी नहीं थी.’