केंद्र सरकार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजनों में अपने कर्मचारियों को शामिल करने पर विचार कर रही है, ताकि इस आयोजन को व्यापक रूप से सफल बनाया जा सके.
सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों से राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर होने वाले आयोजनों में हिस्सा लेने को कहा जा सकता है. उनके अनुसार, इसके बारे में जल्द ही काम किया जाएगा कि उनकी भागीदारी किस तरह से होगी.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग दिवस पर होने वाले आयोजनों की अगुवाई कर सकते हैं जिसमें करीब 40,000 लोग शामिल होंगे. अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचरियों से राजपथ में होने वाले आयोजन में या उनके कार्यालयों में या देश में अन्य कहीं होने वाले ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कहा जा सकता है. बहरहाल, उनकी भागीदारी अनिवार्य नहीं होगी.देश भर में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या करीब 48 लाख है.
कार्मिक मंत्रालय पिछले दो माह से अधिक समय से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए योग कक्षाओं का संचालन कर रहा है. पिछले साल मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक दिन चुनने की अपील की थी जिसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा सके. मोदी की पुरजोर वकालत के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित कर दिया.
सरकार 21 जून को राजपथ पर इतने बड़े पैमाने पर आयोजन करने पर विचार कर रही है कि एक समय में सर्वाधिक लोगों द्वारा आसन किए जाने के लिए इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में शामिल कर लिया जाए. सूत्रों ने बताया कि 35 मिनट का यह आयोजन सुबह सात बजे शुरू होगा. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 190 देशों के 250 से अधिक शहरों में मनाया जाएगा और भारतीय मिशनों से इसके लिए व्यापक प्रबंध करने को कहा गया है.
-इनपुट भाषा