राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता पी एल पूनिया ने केंद्र की मोदी सरकार पर अपने एजेंडा में दलितों के लिए सामाजिक सम्मान और आर्थिक समानता की बात शामिल नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि समाज में गैरबराबरी का अंत होने तक दलितों को विशेष दर्जा मिलना चाहिए.
इसके साथ ही पूर्व सांसद ने मीडिया में आई खबरों की पृष्ठभूमि में इससे इनकार किया कि सरकार की तरफ से उनसे आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा गया है.
पूनिया ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण में दलितों के लिए योजनाओं का जिक्र नहीं था. मोदी सरकार ने इतना कहा है कि ऐसा माहौल तैयार करेंगे जिसमें दलितों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार में समान अवसर मिलेगा. परंतु सबसे बड़ी गैरबराबरी सामाजिक सम्मान को लेकर है, उसका जिक्र न तो राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ और न ही यह इनके एजेंडा में शामिल है.’ उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान सभा में दिए भाषण का जिक्र करते हुए कहा, ‘बाबा साहब ने 26 नवंबर, 1949 को कहा था कि सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी हम सभी के लिए चुनौती है. आज तक जितनी भी सरकारें आईं उनका ध्यान इसी ओर रहा है कि आर्थिक और सामाजिक गैर बराबरी को दूर किया जाए परंतु इस सरकार ने इसका जिक्र अपने एजेंडा में नहीं किया है.’
सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए पदोन्नति में आरक्षण को लेकर भी उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया. पूनिया ने कहा, ‘राज्यसभा पदोन्नति में आरक्षण से जुड़े विधेयक को पारित कर चुकी है और अब यह सदन की संपत्ति है परंतु इस सरकार के एजेंडे में प्रमोशन में आरक्षण भी नहीं है. ये लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में बराबरी की बात करते हैं. इसका क्या मतलब है. ये कहते हैं कि बराबरी का दर्जा देंगे, विशेष दर्जा नहीं देंगे लेकिन जब तक सामाजिक और आर्थिक गैरबराबरी दूर नहीं हो जाती तब तक दलितों के लिए विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए. यह इस सरकार के सामने चुनौती होगी.’
कांग्रेस नेता ने इससे इनकार किया कि केंद्र सरकार ने उनसे आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, ‘हमसे किसी ने कुछ नहीं कहा है. वैसे मैं आवेदन करने नहीं कहा गया. राष्ट्रपति जी ने मेरी नियुक्ति की है. जब उनकी ओर से फरमान आ जाएगा तो हम यहां से चले जाएंगे. अभी हमने थावरचंद गहलोत (समाजिक न्याय मंत्री) से मुलाकात की. वह मुझसे सम्मान के साथ मिले. मुझ पर कोई दबाव नहीं है.’