scorecardresearch
 

चीनी पर आयात शुल्‍क में बढ़ोतरी, क्‍या महंगी हो जाएगी चीनी?

नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 'अच्‍छे दिन' का नारा दिया. मोदी की सरकार बनी तो लगा अच्‍छे दिन आ गए. हाल ही रेल किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया. तर्क दिया गया कि यह पिछली सरकार के समय से लंबित मामला है, लेकिन जिस तरह सरकार ने चीनी की इम्पोर्ट ड्यूटी ब़ढाने का फैसला लिया है,  उससे यही सवाल उठता है कि क्‍या चीनी अब कड़वी हो जाएगी?

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 'अच्‍छे दिन' का नारा दिया. मोदी की सरकार बनी तो लगा अच्‍छे दिन आ गए. हाल ही रेल किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया. तर्क दिया गया कि यह पिछली सरकार के समय से लंबित मामला है, लेकिन जिस तरह सरकार ने चीनी की इम्पोर्ट ड्यूटी ब़ढाने का फैसला लिया है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. खासकर यह कि क्‍या चीनी की मिठास अब कड़वाहट में बदल जाएगी?

Advertisement

देश में चीनी पर आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है. मतलब साफ है कि सरकार चाहती है कि मुसीबतों से जूझ रहे देश के चीनी उद्योग को मदद मिले और सस्ती विदेशी चीनी के आयात से उसे होने वाले नुकसान को रोका जा सके. दरअसल, अब तक चीनी पर आयात शुल्क महज 15 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है. इसी तरह चीनी के निर्यात पर निर्यातकों को मिलने वाली 3300 रुपये प्रति टन की निर्यात सब्सिडी की मियाद को भी सितंबर 2014 के महीने तक बढ़ा दिया गया है.

क्‍या है सरकार का इरादा
सरकार चाहती है कि देश के चीनी उद्योग को बढ़ावा मिले और उनके जमा स्टॉक देश के ही बाजार में बेचे जाएं. जानकार मानते हैं कि इससे चीनी उद्योग और गन्ना किसानों को मदद मिलेगी और चीनी मिल मालिक किसानों के बकाया पैसे चुकाने की हालत में आएंगे. लेकिन सरकार के फैसले पर सवाल भी उठने लगे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इससे चीनी के दाम बढ़ सकते हैं.

Advertisement

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ
चीनी उद्योग से जुड़े लोग कहते हैं कि इससे चीनी की कीमत में कुछ न कुछ वृद्धि तो जरूर होगी. लेकिन इससे इस उद्योग और उससे जुड़े लाखों किसानों का भला ही होगा. हालांकि अर्थशास्‍त्री कहते हैं कि संभव है कि इससे चीनी की कीमत में बहुत ज्‍यादा बढ़ोतरी न हो, क्‍योंकि देश अभी भी बहुत ज्यादा चीनी आयात नहीं करता.

बहरहाल, सरकार के इस फैसला का असर क्‍या और कितना व्‍यापक होगा यह तो वक्‍त ही बताएगा, लेकिन यह तय है कि महंगाई के झटके झेल रहा आम आदमी अब चीनी की कड़वाहट को झेलने पाने की इच्‍छा नहीं रखता.

Advertisement
Advertisement