आम चुनावों का समय नजदीक आने के साथ सरकार ने यूपीए के बहुप्रचारित महत्वाकांक्षी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम मनरेगा के तहत काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ा कर 150 करने की योजना पर विचार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल शुक्रवार को इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार करेगा. इस लोक-लुभावन पहल का स्पष्ट लक्ष्य है ग्रामीण मतदाताओं को लुभाना जो देश की कुल आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं.
मनरेगा कार्यक्रम के तहत हर गरीब ग्रामीण परिवार के एक सदस्य को साल में कम से कम 100 दिन के काम की कानूनी गारंटी प्रदान की गई है. इसके लिए दिहाड़ी मजदूरी 100 रुपये मिलते हैं और इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा गया है.
इस प्रमुख कार्यक्रम के जरिए 2012-13 में काम के 23,040 लाख दिहाड़ी रोजगार प्रदान किए गए. शुरूआत में इस कार्यक्रम में मजदूरी 100 रुपये रखी गई थी. इसे दो साल बाद महंगाई दर से जोड़ दिया गया.
मनरेगा कार्यक्रम पिछले आम चुनाव से ठीक पहले पेश किया गया था जिससे कांग्रेस को चुनावी फायदा मिला था.