पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के मुद्दे पर पर्याप्त रूप से गंभीर नहीं है. 'मीट द प्रेस' कार्यक्रम में राम जेठमलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर काफी गंभीर हैं लेकिन उन्होंने उनकी टीम पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन मोदी की टीम के कुछ लोगों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'काला धन वापस लाने के केवल दो तरीके हैं जिनके द्वारा सरकार इसे वापस ला सकती है. पहला है जर्मन-फ्रांस का तरीका, जिसमें बकाएदारों के नाम जानने के लिए बैंकों को रिश्वत देने का उल्लेख किया गया है. वहीं दूसरा तरीका है कि इसमें शामिल बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया जाए, जैसा कि अमेरिका ने उनके द्वारा घोषित नामों को प्राप्त करने के लिए किया था.'
उन्होंने कहा, 'संबंधित लोग इस मुद्दे के प्रति पर्याप्त रूप से गंभीर नहीं हैं. जहां तक कालाधन वापस लाने की बात है तो सब कुछ बेतरतीब दिखता है.' उन्होंने हालांकि कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच में सराहनीय काम कर रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्हें आशा है कि काला धन देश में वापस लाया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से सहमत हूं कि मामले में कुछ देरी हो रही है लेकिन मैं आशान्वित हूं क्योंकि उनकी पार्टी और सरकार दोनों इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं.'
सुब्रमण्यम ने कहा, 'मैं इस मामले पर इतना निराशावादी नहीं हूं जितना कि राम जेठमलानी हैं. मुझे आशा है कि हम निश्चित तौर पर इस मुद्दे को सुलझाने में कामयाब रहेंगे.' हालांकि दोनों एक बात पर सहमत हुए, वह थी कालाधन देश की आर्थिक सेहत के लिए खतरनाक है.