मोदी सरकार का स्वच्छ भारत अभियान आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. खबर है कि सरकार टेलीकॉम सेवाओं पर उपकर लगाने पर विचार कर रही है ताकि स्वच्छ भारत अभियान के लिए फंड जुटाया जा सके. अगर ऐसा होता है कि आने वाले दिनों में आपके मोबाइल और इंटरनेट का बिल बढ़ जाएंगे. हवा हुए क्लीन इंडिया कैंपेन के दावे
हालांकि, टेलीकॉम विभाग जल्द ही ऐसा कुछ नहीं करने वाला क्योंकि एटॉर्नी जनरल ने इस तरह के उपकर को गैरकानूनी बताया है. उन्होंने सुझाव दिया है कि फाइनेंस एक्ट को संशोधित करके ही इस उपकर को लागू किया जा सकता है.
पीटीआई के मुताबिक टेलीकॉम विभाग के सूत्रों ने बताया, 'एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए टेलीकॉम विभाग उपकर नहीं लगा सकता है. इसे कानूनी प्रमाणिकता की जरूरत पड़ेगी जिसमें सेस के बारे में सब कुछ समझाया गया हो.'
दरअसल, टेलीकॉम विभाग ने अपनी इस योजना के बारे एटॉर्नी जनरल से सुझाव मांगा था. डीओटी जानना चाहता था कि क्या इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पास करके टेलीकॉम कंपनियों पर स्पैक्ट्रम इस्तेमाल के लिए वार्षिक तौर पर स्वच्छ भारत उपकर लगाया जा सकता है? जिसपर एटॉर्नी जनरल का सुझाव था कि इसके लिए कानून बनाना जरूरी है, नहीं तो यह उपकर संविधान की धारा 265 के खिलाफ होगा और साथ में गैरकानूनी भी.