रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी के पैसे अब सीधे लोगों के खाते में पहुंचेंगे. 11 राज्यों के 54 जिलों में विशेष बदलाव के साथ डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम को लॉन्च किया गया है. फिलहाल रसोई गैस सब्सिडी के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया गया है. इससे दो करोड़ घरों को फायदा होगा. जनवरी तक देश के कई हिस्सों में इसे शुरू किया जाएगा.
जून 2013 में यूपीए सरकार ने डीबीटी योजना की शुरुआत की थी. लेकिन आधार कार्ड की अनिवार्यता के कारण इसे साल की शुरुआत में रोक दिया गया था. 18 अक्टूबर को योजना में थोड़ी सी तब्दीली लाते हुए मोदी सरकार ने आधार कार्ड योजना के अलावा 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' से भी इसे जोड़ दिया है.
सरकार को उम्मीद है कि इससे सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लीकेज रोक सकेगी. साथ ही 15 फीसदी तक रसोई गैस की फिजूलखर्जी पर भी लगाम लग सकती है.
14 फरवरी तक 'ग्रेस पीरियड', मिलेंगे सब्सिडी वाले सिलेंडर
जो उपभोक्ता इस योजना से अभी तक नहीं जुड़े हैं उन्हें तीन महीने का ग्रेस पीरियड मिलेगा. इस दौरान उन्हें
सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलेंगे. इसके बाद उन्हें तीन महीने का और पार्किंग पीरियड मिलेगा. इस दौरान उन्हें
सिलेंडर मार्केट रेट पर खरीदना होगा. फिर इन तीन महीनों में उन्होंने जितने रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल
किया था उतने की कुल सब्सिडी के पैसे उनके खाते में डाल दिए जाएंगे.
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