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राज्यसभा में दिग्विजय सिंह का RSS पर बड़ा हमला, संघ की सोच को बताया तालिबानी

देश की शांति के लिए आरएसएस की विचारधारा को घातक बताते हुए कांग्रेस ने सरकार से ऐसी विचारधारा का प्रसार करने वाली किताबों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

देश की शांति के लिए आरएसएस की विचारधारा को घातक बताते हुए कांग्रेस ने सरकार से ऐसी विचारधारा का प्रसार करने वाली किताबों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आतंकवाद देश के सामने सबसे बड़ा खतरा है. इसकी शुरूआत सांप्रदायिक विचारधारा से होती है.

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान विचारधारा समस्या पैदा कर रही है. इसी तरह देश की शांति को संघ की विचारधारा से नुकसान हो रहा है. उन्होंने किताबों और पर्चों के जरिये सांप्रदायिक विचारधारा के प्रसार पर चिंता जताते हुए कहा कि संघ ऐसा संगठन है जिसका ना तो पंजीकरण हुआ है और ना ही देश में उसकी औपचारिक सदस्यता है.

सिंह ने कुछ किताबों का नाम लेते हुए कहा कि इन किताबों के प्रकाशक का जो पता लिखा है, उसके बारे में जानकारी लेने पर ना तो वैसा कोई प्रकाशक मिला और ना ही इंटरनेट पर उसका कोई जिक्र है. उन्होंने कहा कि इन किताबों की प्रस्तावना केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखी है. सिंह ने कहा कि इन किताबों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

उन्होंने गृह मंत्रालय के अधिकार सीमित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्थिति यह है कि गृहमंत्री के पास निजी सचिव चुनने का भी हक नहीं है, और तो और केंद्रीय मंत्रियों की जासूसी तक हो रही है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पहले महत्वपूर्ण फाइलें कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के पास से गृह मंत्रालय में आती थीं और गृह मंत्रालय उन फाइलों को कैबिनेट सचिव के पास भेजता था. कैबिनेट सचिव के पास से वे फाइलें प्रधानमंत्री के पास भेजी जाती थीं.

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सिंह ने दावा किया कि गृह मंत्रालय की ऐसी स्थिति हो गई है कि फाइलें कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के पास से कैबिनेट सचिव के पास और वहां से सीधे प्रधानमंत्री के पास भेजी जाती हैं और गृह मंत्रालय को सिर्फ सूचना दी जाती है कि फाइलें प्रधानमंत्री के पास पहुंच चुकी हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कटाक्ष किया कि गृह मंत्रालय के अधिकार सीमित हो गए हैं और गृह मंत्री के पास निजी सचिव चुनने तक का हक भी नहीं है.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री की जासूसी की खबरें आई थीं. यह भी खबर थी अन्य मंत्रियों की भी जासूसी हो रही है. फोन टेप करने वाली दो आयातित मशीनों की बिक्री का ब्यौरा मांगते हुए सिंह ने कहा कि सरकार को आतंकवाद संबंधी मामलों की सुनवाई शीघ्र करनी चाहिए. उन्होंने शस्त्र लाइसेंस के दिशा निर्देशों की समीक्षा की भी मांग की. सोशल मीडिया को एक बड़ा खतरा बताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि फर्जी पहचान बना कर कोई भी कुछ भी कह देता है. इस पर रोक के लिए कानून को कठोर बनाया जाना चाहिए.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर और पुणे में हुई घटनाओं के बड़ा रूप लेने के पीछे सोशल मीडिया भी एक कारक था. सिंह ने छत्तीसगढ़ में पिछले साल मई में जगदलपुर के पास जीरम घाटी में हुए नक्सली हमले का जिक्र करते हुए कहा कि गृह मंत्री का यह बयान राज्य सरकार को कटघरे में लाता है कि हमले से पहले कांग्रेस नेताओं से मार्ग बदलने के लिए कहा गया था.

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गौरतलब है कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान 25 मई को हुए इस हमले में पार्टी की राज्य इकाई के शीर्ष नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे. हमले में गंभीर रूप से घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल का 11 जून 2013 को गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया था. प्रशासन के गुजरात मॉडल को लेकर तंज कसते हुए सिंह ने कहा कि राज्य में कॉन्स्टेबलों के 50,000 से अधिक पद रिक्त पड़े हैं.

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