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पर्ची वाली EVM से होंगे 2019 के चुनाव, मशीनों के लिए 3000 करोड़ मंजूर

वर्ष 2019 में होने वाला देश का अगला लोकसभा चुनाव पूरी तरह वीवीपैट मशीनों के जरिए होगा. वीवीपैट मशीन से वोटर स्वंय ही यह देख सकेगा कि उसने जिसको वोट दिया था उसी को वोट मिला या नहीं.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली

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सरकार ने ईवीएम मशीन पर सवाल उठाने वाले नेताओं की बोलती बंद करने वाला कदम उठा लिया है. वर्ष 2019 में होने वाला देश का अगला लोकसभा चुनाव पूरी तरह वीवीपैट (Voter Vefiable Paper Audit Trail) मशीनों के जरिए ही होगा. वीवीपैट मशीन से वोटर खुद ही यह देख सकेगा कि उसने जिसको वोट दिया था उसी को वोट मिला या नहीं. जरूरत होने पर वोट डालते समय निकले वाली पर्ची से  दोबारा गिनती करके उसे ईवीएम के नतीजे से मिलाया भी जा सकेगा.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार को वीवीपैट मशीनों की खरीद के लिए 3,174 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने ये फैसला किया कि 16 लाख 15 हजार वीवीपैट मशीनों की खरीद के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग को ये राशि मुहैया करायी जाएगी.

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला ऐसे समय पर लिया है जब विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीएसपी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीन को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि हो सकता है बीजेपी को जिताने के लिए इन मशीनों में छेड़छाड़ की गई हो. हालांकि सरकार और निवार्चन आयोग दोनों ने ये बार-बार कहा था कि ईवीएम मशीन पूरी तरह से भरोसेमंद हैं और इन से छेड़छाड़ करना नामुमकिन है.

दरअसल प्रयोग के तौर पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल 2013 से शुरू हो गया है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसे चुनाव में इस्तेमाल किये जाने के लिए लाखों मशीनों की जरूरत है जिसके लिए निवार्चन आयोग लंबे समय से धन की मांग कर रहा था. 22 मार्च को कानून मंत्रालय को लिखी गयी चिठ्ठी में निवार्चन आयोग ने कहा था मौजूदा माहौल में जिस तरह से ईवीएम मशीनों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है उसे देखते हुए वीवीपैट मशीनों को खरीदने में देऱ करना ठीक नहीं होगा. निवार्चन आयोग का कहना था कि अगर 2019 में वीवीपैट मशीनें से चुनाव कराना है तो अभी से मशीनों की खरीद के लिए ऑर्डर देना होगा.

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि अब ये मशीनें सितंबर 2018 तक चुनाव आयोग को मिल जाएंगी. जेटली से जब पूछा गया कि क्या विपक्षी पार्टियों के दबाव में ये फैसला किया गया है तो उन्होंने कहा कि मशीनों पर सवाल उठाने से हारने वाली पार्टियों का नतीजा बदल नहीं जाएगा.

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