पूरे देश में एक जैसी कर व्यवस्था लागू करने की कवायद शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) संशोधन विधेयक पेश कर दिया है. अगर ये बिल पास हुआ तो पूरे देश में सभी सामानों पर एक कर प्रणाली लागू होगी. हालांकि अल्कोहल और तंबाकू को इससे अलग रखा गया है.
आज पेश बिल के तहत केंद्र ने सभी राज्यों को भरोसा दिया है कि टैक्स को लेकर किसी भी राज्य को नुकसान नहीं होगा. अगर नुकसान होता है तो केंद्र उनकी भरपाई करेगा. बिल के प्रावधान के मुताबिक शराब पर लगने वाले टैक्स पर केवल राज्यों का अधिकार होगा. वहीं पेट्रोलियम पर लगने वाले टैक्स पर फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी. साथ ही ऐसे कई कर जिन पर सिर्फ केंद्र का अधिकार है, उनमें भी राज्यों की भी भागीदारी तय की जाएगी. आज पेश हुए बिल पर अब अगले सत्र में चर्चा होने की उम्मीद है.
जीएसटी बिल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'केंद्र सरकार ने राज्यों को भरोसा दिया है कि पहले तीन साल में उनके घाटे को 100 फीसदी पूरा कर दिया जाएगा. इसके बाद चौथे साल 75 फीसदी और पांचवे साल 50 फीसदी घाटे को केंद्र की ओर से पूरा किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि यह राज्यों और केंद्र सरकार दोनों के लिए 'विन-विन' वाली स्थिति होगी.
वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी बिल को बजट सत्र में पेश किया जाएगा. जेटली ने कहा कि 1947 के बाद यह सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म होगा. इसके अलावा उन्होंने आशंकाओं को दबाते हुए कहा कि राज्यों को राजनीतिक आधार पर नहीं बांटा गया है. उन्होंने कहा कि राज्यों को अल्कोहल को लेकर दिक्कतें थीं और इसे जीएसटी से बाहर रखा गया है.
वित्त मंत्री के मुताबिक पेट्रोल को जीएसटी में लिए जाने पर जीएसटी काउंसिल तय करेगी. जेटली ने बताया कि राज्यों को सर्विस टैक्स से पैसे मिलेंगे, जो अब तक नहीं मिलते थे.