जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) पर सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा चलने के बाद सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानून के विशेषज्ञों से राय लेगी. केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा, 'इस मामले पर हम प्रधानमंत्री और कानून के विशेषज्ञों से बात करने के बाद अपना पक्ष रखेंगे. मैंने अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं पढ़ा है. इसके बारे में जानने के लिए मुझे इसे पढ़ना होगा.'
गौड़ा ने कहा कि न्यायालय के समक्ष जनता की भावनाओं को रखा गया था. उन्होंने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा ने एनजेएसी का पूरी तरह समर्थन किया था. इसे लोगों का 100 प्रतिशत समर्थन हासिल था.
यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को NJAC को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने साफ कर दिया कि जजों की नियुक्ति पहले की तरह कॉलेजियम सिस्टम से ही होगी.
कॉलेजियम सिस्टम और NJAC में ये है अंतर
केंद्र की मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में NJAC ऐक्ट बनाया था. यह ऐक्ट संविधान में संशोधन करके बनाया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NJAC बनाने वाले कानून से संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन होता है.