भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 25 फाइलों की डिजिटल कॉपी को हर महीने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. अभिलेखागार जल्द ही नेताजी से संबंधित 100 फाइलों को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराएगा.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय मुताबिक 23 जनवरी को नेताजी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन फाइलों की डिजिटल कॉपी सार्वजनिक करेंगे. इससे इन फाइलों को सुलभ कराने के लिए लंबे समय से चली आ रही जनता की मांग पूरी होगी. यही नहीं, इससे नेताजी की मौत पर आगे और रिसर्च करने में भी सुविधा होगी.
पिछले साल फाइलें सार्वजनिक करने की घोषणा हुई थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में अपने आवास पर नेताजी के परिवार के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात में घोषणा की थी कि भारत सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करेगी और उन्हें जनता के लिए सुलभ बनाएगी. बयान के अनुसार, 33 फाइलों की पहली खेप प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा सार्वजनिक की गई थी और 4 दिसंबर, 2015 को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दी गई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने भी अपने पास मौजूद संबंधित संग्रह में शामिल नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिन्हें बाद में भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को स्थानांतरित कर दिया गया.
आजाद हिंद फौज की 990 फाइलें 1997 में मिली थीं
बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार को साल 1997 में रक्षा मंत्रालय से इंडियन नेशनल आर्मी (आजाद हिंद फौज) से संबंधित 990 फाइलें प्राप्त हुई थीं और वर्ष 2012 में खोसला आयोग (271 फाइलें) और न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग (759 फाइलें) से संबंधित कुल 1030 फाइलें गृह मंत्रालय से प्राप्त हुई थीं. ये सभी फाइलें सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 के तहत जनता के लिए पहले से ही उपलब्ध हैं.