राज्यसभा में हंगामे के बीच सरकार ने गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया, जिसमें रिश्वत लेने के साथ ही रिश्वत देना भी अपराध होगा. विधेयक को राज्यसभा में 2013 में पेश किया गया था और उसके बाद उसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था, जो रिश्वत देने को एक विशेष अपराध ठहराता है.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश करते हुए कहा, 'शासन में अधिक से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने तथा अपने संकल्प न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है.'
उन्होंने कहा, 'संशोधन में कुछ उपाय किए गए हैं, जो रिश्वत देने को हतोत्साहित करेगा और रिश्वत देने वालों के लिए भी जवाबदेही तय करता है.'
ताकि ईमानदार अधिकारी को धमकी न झेलनी पड़े
जितेंद्र सिंह ने कहा, 'संशोधन यह सुनिश्चित करता है कि एक ईमानदार अधिकारी को किसी तरह की धमकी न झेलनी पड़े, जिसके लिए हम कुछ निश्चित संशोधन करने जा रहे हैं. इसके तहत सभी स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी के दायरे को बढ़ाया जाएगा. उसी प्रकार एक वयोवृद्ध हो चुके अधिकारी के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की मांग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे.
विपक्ष के हंगामे के मद्देनजर, विधेयक पर हालांकि चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि सदन में कार्यवाही सुचारू होने तक इस पर चर्चा नहीं हो सकती.
- इनपुट IANS