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चॉपर डील: सरकार मांगेगी CBI से रिपोर्ट, अगस्टा-वेस्टलैंड को करेगी ब्लैकलिस्ट

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर हुए विवाद के बीच सरकार ने बुधवार को कहा कि सौदे के बारे में वह सीबीआई से रिपोर्ट मांगेगी और अगस्टा-वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी फिनमिकैनिका को ब्लैकलिस्ट करने की पहल करेगी. साथ ही सरकार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने घोटाले में घिरी कम्पनी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था.

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सरकार अगस्टा-वेस्टलैंड को करेगी ब्लैकलिस्ट
सरकार अगस्टा-वेस्टलैंड को करेगी ब्लैकलिस्ट

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वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर हुए विवाद के बीच सरकार ने बुधवार को कहा कि सौदे के बारे में वह सीबीआई से रिपोर्ट मांगेगी और अगस्टा-वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी फिनमिकैनिका को ब्लैकलिस्ट करने की पहल करेगी. साथ ही सरकार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने घोटाले में घिरी कम्पनी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था.

एनडीए ने किया 2014 में कंपनी को ब्लैकलिस्ट
मोदी सरकार के शीर्ष सूत्रों ने दावा किया कि रिश्वत के आरोपों के बावजूद अगस्टा-वेस्टलैंड को यूपीए सरकार के शासनकाल में काली सूची में नहीं डाला गया और एनडीए सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद दागी कंपनी के सभी अधिग्रहण प्रस्तावों पर रोक लगाई गई थी.

कांग्रेस ने किया पहले ब्लैकलिस्ट करने का दावा
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित वीवीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टरों का सौदा करने के लिए भारतीयों को कंपनी द्वारा कथित तौर पर रिश्वत देने के सिलसिले में सीबीआई ने 2013 में मामला दर्ज किया था. कांग्रेस ने दावा किया था कि अगस्टा-वेस्टलैंड को यूपीए सरकार के शासनकाल में ब्लैकलिस्ट में डाला गया था लेकिन मोदी सरकार ने उसे काली सूची से ‘हटा’ दिया.

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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था, ‘हेलीकॉप्टर सौदे को रद्द कर दिया गया था. यूपीए सरकार ने कार्रवाई की थी. तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने संसद में बयान दिया था और अगस्टा-वेस्टलैंड को काली सूची में डाल दिया गया.’

पर्रिकर ने दी कांग्रेस को चुनौती
बहरहाल सरकार के सूत्रों ने कहा, ‘कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों से पहले जनवरी 2014 में एकमात्र दंडात्मक कार्रवाई की थी जब यूपीए सरकार ने बैंक गारंटी को जब्त कर लिया. उन्होंने कभी भी कंपनी को ब्लैकलिस्ट नहीं किया जैसा कि दावा किया जा रहा है.’ इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस को चुनौती दी कि ब्लैकलिस्ट करने के यूपीए सरकार के आदेश को वह दिखाए.

सूत्रों ने कहा कि अरूण जेटली जब रक्षा मंत्री थे तो तीन जुलाई 2014 को एक आदेश जारी किया गया जिसमें पाइपलाइन में पड़े सभी खरीद और अधिग्रहण मामलों पर रोक लगा दी गई. इसमें अगस्टा-वेस्टलैंड और फिनमिकैनिका सहित घोटाले में शामिल छह कंपनियां भी थीं. उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय किया गया कि जिन मामलों में उस समय तक निविदा प्रक्रिया नहीं हुई थी और सवालों के घेरे में शामिल कंपनियों के साथ सौदे पर तब तक के लिये रोक लगा दी गई जब तक कि सीबीआई जांच पूरी नहीं हो जाए.

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सू़त्रों ने कहा कि सवाल प्रतिबंधित होने या नहीं होने का नहीं है बल्कि उन नेताओं, नौकरशाहों और वायुसेना अधिकारियों के बारे में है जिन्होंने रिश्वत ली जैसा कि इटली की अदालत ने कहा है.

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