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वेंकैया बोले- यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बिना आम सहमति के कोई फैसला नहीं लेगी सरकार

वेंकैया नायडू ने कहा, ‘सरकार ट्रिपल तलाक को एक धार्मिक मामला नहीं मानती है. यह लैंगिक संवदेनशीलता का मामला है. यह कहना गलत है कि हम मुस्लिम मुद्दों में हस्तक्षेप कर रहे हैं.'

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वेंकैया नायडू
वेंकैया नायडू

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देश में ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को पिछले दरवाजे और आम सहमति के बिना नहीं लाया जाएगा. उन्होंने इस आरोप से इनकार किया कि बीजेपी इस विवावादस्पद मुद्दे को आने वाले विधानसभा चुनावों खासकर उत्तर प्रदेश चुनाव के कारण हवा दे रही है.

विकास एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी बीजेपी
कैया ने दावा किया कि आगामी चुनाव में बीजेपी राजनीतिक लाभ लेने के लिए ट्रिपल तलाक, यूनिफॉर्म सिविल कोड और राम मंदिर मुद्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी विकास एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों को चुनावी लाभ के पैमाने से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि लक्षित हमलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है.

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धार्मिक मामला नहीं है ट्रिपल तलाक
वेंकैया नायडू ने कहा, ‘सरकार ट्रिपल तलाक को एक धार्मिक मामला नहीं मानती है. यह लैंगिक संवदेनशीलता का मामला है. यह कहना गलत है कि हम मुस्लिम मुद्दों में हस्तक्षेप कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, ‘उसी भारतीय संसद, उसकी राजनीतिक प्रणाली द्वारा हिंदू कोड बिल, तलाक कानून, दहेज निषेध, सती प्रथा निषेध कानून पारित किए. ये सब भारतीय संसद द्वारा किया गया.’ नायडू ने स्पष्ट किया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए व्यापक आम सहमति तैयार करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रिपल तलाक कहने के मुद्दे को उठाने के आरोप गलत हैं.

विधि आयोग ने लोगों से मांगी राय
उन्होंने कहा, ‘हम अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात नहीं कर रहे हैं. विधि आयोग ने एक प्रश्नावली जारी की है, जिसमें लोगों की प्रतिक्रिया मांगी है. व्यापक आम सहमति के बिना आप यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं ला सकते. इस दिशा में और काम करना होगा.'

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