भारत के लोगों को उनकी शक्ति के बारे में जागरुक बनाने और संसद में जन लोकपाल विधेयक पारित करना सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि सरकारों को केवल अपने गिरने का भय होता और विरोध प्रदर्शन एवं धरना का नहीं.
हजारे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारें चाहे केंद्र में हो या राज्यों में, उन्हें केवल सत्ता जाने का भय होता है. उन्हें पता होता है कि लोग उन्हें गिरा सकते हैं. लोगों को समझना चाहिए कि वे ही असली मालिक है. मैं लोगों को उनके इन अधिकारों के बारे में जागरुक बनाने का काम करूंगा.
उन्होंने कहा कि जब तक लोग अपनी शक्ति का उपयोग नहीं करेंगे और सरकार पर दबाव नहीं बनायेंगे, तब तक सत्ता में बैठे लोग देश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने के लिए कानून नहीं बनायेंगे. हजारे ने कहा कि उन्होंने लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए राष्ट्रव्यापी यात्रा करने की योजना बनाई है.
हजारे ने कहा कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से कोयला घोटाले पर सड़कों पर उतरने को कहा था. इसी तरह से भाजपा नेतृत्व ने रसोई गैस और एफडीआई मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने को कहा.
उन्होंने कहा कि मैं विरोध प्रदर्शन जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए कर रहा हूं. जन लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए हजारे ने कहा कि पंच प्रधान ने हमें लिखित में अश्वासन दिया था कि मसौदे में हमारी तीन मुद्दों को स्थान दिया जासेगा लेकिन इसे काफी हल्का बना दिया गया.