महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करते हुए राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिये 7 सांसदों को मौजूदा सत्र के शेष भाग से मंगलवार को निलम्बित किये जाने के बाद माकपा नेता वृंदा करात ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है.
वृंदा ने संवाददाताओं से कहा ‘इस मुद्दे पर सरकार का रुख साफ नहीं है. मैं सदस्यों के निलम्बन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी.’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि सदन में सोमवार को जो भी हुआ वह ‘शर्मनाक और अचम्भित करने वाला’ था.
इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने 7 सदस्यों के निलम्बन को महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की दिशा में पहला कदम करार देते हुए कहा कि इसके जरिये सरकार ने इस विधेयक को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है.
गौरतलब है कि राज्यसभा में सपा के सदस्य कमाल अख्तर, आमिर आलम खान, वीरपाल सिंह और नंद किशोर यादव, जदयू के निलंबित सदस्य डा. एजाज अली, राजद के सुभाष यादव तथा लोजपा के साबिर अली को मौजूदा सत्र के शेष भाग के लिए मंगलवार को निलंबित कर दिया गया.