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'गैस त्रासदी पर सरकारें राजनीति बंद करें'

गैस त्रासदी पर सरकारें राजनीति बंद करें और सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने की सोचें ये आवाज उठी है भोपाल से. जबकि एक पत्रकार ने नया खुलासा किया है कि एंडरसन की फरारी के वक्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मध्य प्रदेश में ही थे.

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गैस त्रासदी पर सरकारें राजनीति बंद करें और सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दायर करने की सोचें ये आवाज उठी है भोपाल से. जबकि एक पत्रकार ने नया खुलासा किया है कि एंडरसन की फरारी के वक्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मध्य प्रदेश में ही थे.

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भोपाल गैस कांड के बाद कातिल कारखाने यूनियन कार्बाइड का मुखिया वॉरेन एंडरसन जब आजाद हुआ तो देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी मध्य प्रदेश में ही थे और उनसे कदम मिलाकर चल रहे थे तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह. ये दावा किया है पूरी त्रासदी को अपनी आंखों से देखने वाले पत्रकार ने.

देश और प्रदेश के मुखिया जब मध्यप्रदेश में ही थे तो एंडरसन को आजाद करने का फैसला किसका था? इस सवाल पर कांग्रेस की बोलती बंद हो गई. लेकिन अब प्रणब मुखर्जी इसकी वजह गिनाने के लिए आगे आए हैं. जबकि गैस पीड़ित केंद्र सरकार से क्यूरेटिव पेटिसन डालने और राजनीति से बाज आने की मांग कर रहे हैं.

इधर लेफ्ट चाहता है कि सरकार अमेरिकी दबाव पर अपना रुख साफ करे और बताए कि वन टू थ्री एग्रीमेंट से एंडरसन जैसे और तो नहीं आएंगे? भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन के अमेरिका भाग जाने का सवाल पच्चीस साल बाद भी जिंदा है. सवाल ये कि जिस त्रासदी की आशंका में पूरा भोपाल सहमा हुआ था, लगातार बहस हो रही थी. उसके घट जाने के बाद देश के दिग्गज नेताओं ने क्यों कहा कि इसकी कल्पना भी नहीं की थी?

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