केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वही किया, जिसका कांग्रेस ने साल 1958 और 2003 में वादा किया था.
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा देश के साथ किए गए वादे को पूरा किया है जो पाकिस्तान में बुरे हालात में जी रहे थे. इस कानून की नींव तो 1958 और 2003 में ही रखी गई थी. वर्तमान सरकार ने बस इसे कानून बनाया है."
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान का निर्माण ही मुस्लिम देश के रूप में हुआ. इसलिए वहां पर मुसलमानों को प्रताड़ित क्यों किया जाएगा. मैं मानता हूं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान भारत आए हैं लेकिन किसी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से नहीं बल्कि रोजगार की तलाश में.'
Kerala Governor on exclusion of Muslims from #CitizenshipAmendmentAct: Pakistan was formed as Muslim nation, so will they persecute Muslims also there? We admit Muslims came from Pakistan & Bangladesh, but not because they were persecuted but in search of economic opportunities. https://t.co/nK7idA9jHe
— ANI (@ANI) December 21, 2019
राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ मोहम्मद खान राजीव गांधी की सरकार में मंत्री थे और बहुचर्चित शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
'गटर में रहना चाहते हैं मुस्लिम' वाले बयान से चर्चा में आए थे आरिफ
25 जून 2019 को लोकसभा में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहबानो केस के बहाने कांग्रेस को घेरते हुए मुस्लिमों को लेकर गटर वाला बयान दिया तो अचानक आरिफ मोहम्मद खान मीडिया की सुर्खियों में आ गए.
पीएम मोदी ने आरिफ मोहम्द का नाम लिए बगैर उनके पुराने इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा था कि कांग्रेस के एक मंत्री ने खुद कहा है कि कांग्रेस यह मानती है मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी उसकी नहीं है, अगर वो गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो.
बाद में आरिफ मोहम्मद खान ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि जब उन्होंने तीन तलाक के मुद्दे पर राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा दिया था तो पीवी नरसिम्हा राव ने उनसे यह बात कही थी.