साल 2014 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर यूपीए सरकार ने अपने हाई-प्रोफाइल विज्ञापन अभियान 'भारत निर्माण' का दूसरा चरण बुधवार को जारी कर दिया है. इसके एक विज्ञापन में घर का सपना देख रहे मिडिल क्लास मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की गई है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इस विज्ञापन को जारी किया है. विज्ञापन में रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी बिल का बखान करते हुए इसे एक एतिहासिक कदम बताया गया है. इसमें दिखाया गया है कि इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने घर तो खरीद लिया है लेकिन बिल्डरों के रवैये से परेशान हैं.
दरअसल, इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई बिल्डर बार-बार गुमराह करने वाले विज्ञापन लगाता तो उसे तीन साल की जेल हो सकती है. यही नहीं सब तरफ से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही बिल्डर कोई प्रोजेक्ट लॉन्च कर सकता है और उसे ग्राहक को फ्लैट के कारपेट एरिया के बारे में भी साफ-साफ बताना होगा.
गौरतलब है कि रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी बिल को चार जून को कैबिनेट से हरी झंडी मिल चुकी है. हालांकि इसे अभी लोक सभा और राज्य सभा की मंजूरी मिलनी बाकी है. इस बिल को बुधवार को राज्य सभा में पेश किया जा चुका है.