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अब VIP सुरक्षा में नहीं दिखेंगे ब्लैक कैट कमांडो, सरकार ने पूरी तरह हटाया NSG कवर

आधुनिक हथियारों से लैस यह खास सुरक्षा दस्ता उन वीआईपी लोगों को सिक्योरिटी कवर देता है जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा हासिल है. देश में फिलहाल 13 अति विशिष्ट लोगों को यह मिली हुई है. ऐसे हर वीआईपी की सुरक्षा में करीब दो दर्जन ब्लैक कैट कमांडो तैनात रहते हैं.

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एनएसजी सुरक्षा घेरे में CM योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
एनएसजी सुरक्षा घेरे में CM योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

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  • अर्धसैनिक बलों के जिम्मे होगी VIP सुरक्षा
  • देश के 13 वीआईपी की सुरक्षा में लगे 450 कमांडो
  • पहले भी VIP की सुरक्षा घटा चुकी है सरकार

गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने के बाद अब सरकार ने सभी वीआईपी लोगों की सुरक्षा से NSG कवर हटाने का फैसला लिया है. सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देने के काम से अब राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को दूर रखा जाएगा. इससे पहले भी गृह मंत्रालय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की SPG सुरक्षा हटाने के साथ-साथ कई बड़े नेताओं की सुरक्षा घटा चुका है.

13 वीआईपी को NSG कवर

करीब दो दशक बाद ऐसा होगा जब एनएसजी के ब्लैक कैट कंमाडोज को अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा से दूर रखा जाएगा. 1984 के दंगों के बाद जब एनएसजी का गठन हुआ था तब वीआईपी की सुरक्षा इस बल की जिम्मेदारियों में शामिल नहीं थी. आधुनिक हथियारों से लैस यह खास सुरक्षा दस्ता वीआईपी लोगों को सुरक्षा कवर देता है जो फिलहाल जेड प्लस सुरक्षा हासिल 13 अति विशिष्ट लोगों को मिली हुई है. ऐसे हर वीआईपी की सुरक्षा में करीब दो दर्जन कमांडो तैनात रहते हैं.

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एनएसजी के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में तैनात एनएसजी की जगह अब यह जिम्मेदारी जल्द ही अर्धसैनिक बलों को सौंप दी जाएगी. इन नेताओं के अलावा पूर्व सीएम मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, फारूक अब्दुल्ला को भी एनएसजी सुरक्षा घेरा मिला हुआ है. इसके साथ ही असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी एनएसजी सुरक्षा मिली हुई है.

नेताओं की सुरक्षा NSG पर बोझ

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एनएसजी का मुख्य काम एंटी टेरर ऑपरेशन और विमान हाइजैक जैसी घटनाओं को रोकना है. लेकिन विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देना इस सीमित और स्पेशल फोर्स पर बोझ की तरह है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से यह फैसला लिया है. अधिकारी ने बताया कि इस फैसले के बाद अब एनएसजी के करीब 450 कमांडोज वीआईपी को सुरक्षा देने से मुफ्त हो जाएंगे और उन्हें फोर्स के मूल काम पर लगाया जा सकेगा.    

सुरक्षा कवर से हटने के बाद देश में मौजूद एनएसजी के पांच ठिकानों पर इनकी तैनाती की जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर वहां से इनकी सेवाएं ली जा सकें. सरकार की योजना के मुताबिक वीआईपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF और CRPF जैसे अर्धसैनिक बलों को दी जा सकती है जो पहले ही करीब 130 हाई प्रोफाइल लोगों की सुरक्षा में तैनात हैं.

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हाल ही में CRPF को ऐसे पांच अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा सौंपी गई है जिन्हें पहले SPG कवर हासिल था. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी से लेकर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी शामिल हैं. इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की सुरक्षा भी इस बल के जिम्मे है. वहीं सीआईएसएफ पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी है. 

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