यूपीए सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान करने में यह भी भूल गई है कि भारत के झंडे यानी कि तिरंगे में कौन-कौन से रंग होते हैं. हम सभी को पता है कि हमारे राष्ट्रीय झंडे में तीन रंग- केसरिया, सफेद और हरे रंग का उपयोग किया गया है, लेकिन लगता है केंद्रीय सूचना मंत्रालय इस सच से अनजान है.
दरअसल, सूचना मंत्रालय ने भारत निर्माण सीरीज के तहत आज जारी किए गए टीवी विज्ञापन में तिरंगे के एक रंग को गलत बताया है. साल 2014 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरी यूपीए सरकार छवि सुधारने के लिए भारत निर्माण एड कैंपेन में 180 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
दरअसल, मंत्रालय ने भारत निर्माण सीरीज के तहत यह विज्ञापन 'सद्भाव-आइडिया ऑफ इंडिया' के नाम से जारी किया है. इस 1 मिनट 29 सेकेंड के विज्ञापन के एक हिस्से में स्कूल की बच्ची को तिरंगे के रंगों के जरिए सद्भाव का संदेश देते हुए दिखाया गया है. बच्ची विज्ञापन में तिरंगे के तीन रंगों को ऑरेंज, व्हाइट और ग्रीन कहती है, जबकि तिरंगे में ऑरेंज नहीं बल्कि सैफरन यानी कि केसरिया रंग होता है.
गौरतलब है कि 22 जुलाई 1947 को संवैधानिक सभा की बैठक में तिरंगे को भारतीय झंडे के रूप में अपनाया गया था. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग है.