केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने स्वीकार किया कि सरकार अभी भी सोशल मीडिया के मामले में कमजोर है. उन्होंने कहा, ‘यह एक नया माध्यम है जो तेजी से बढ़ रहा है. हमें नहीं पता की इसके साथ कैसे पेश आया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘हमें सोशल मीडिया के पॉवर को समझना होगा. कोई भी सरकार के पास इसके पॉवर की पूरी जानकारी नहीं है और ना ही वो ये जानती है कि इसके साथ कितना संबंध रखा जाए. हालांकि सरकार को इसका उपयोग आवाम को और शक्तिशाली बनाने में करना चाहिए ना कि कमजोर करने में.’
कपिल सिब्बल टाउन हॉल में हेडलाइंस टुडे के कार्यक्रम ‘राइट टू बी हर्ड’ के दौरान युवाओं को संबोधित कर रहे थे.
हानिरहित ट्विट पर भी मनमानी गिरफ्तारी वाले सेक्शन 66 ए और आईटी एक्ट के लगातार दुरुपयोग किए जाने पर आलोचना का सामना कर रही सरकार की ओर से बोलते हुए सिब्बल ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई गैरकानूनी है जो स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने इसके शीघ्र समाधान का वादा भी किया.
उन्होंने कहा, ‘ट्विटर पर सभी को अपनी बातें रखने का हक है. आपको आलोचना करने का अधिकार है और मैं यह वादा करता हूं कि हमारी सरकार आपको परेशान नहीं करेगी. मैं आपको अपना मोबाइन नंबर दूंगा आप उसपर एसएमएस भेज सकते हैं.’
हालांकि सिब्बल ने यह भी कहा, ‘अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि आप किसी फर्जी अकाउंट से ट्विट करें. अगर सरकार पारदर्शिता अपनाती है तो ट्विट करने वालों को भी ऐसा ही करना होगा. इससे इंटरनेट पर अपमानजनक टिप्पणी और आपराधिक ट्रैफिक पर रोक लगेगी.’
इसके साथ ही सिब्बल ने कहा कि सरकार को जबरदस्ती पहचान बताने के कानून को भी संशोधित करना होगा.