केन्द्र सरकार ने कोयले के खदानों की नीलामी से अब तक अभूतपूर्व राशि इकट्ठी कर ली है. सोमवार को सरकार ने बताया कि 30 कोयला ब्लॉक की नीलामी से उसने दो लाक करोड़ रुपए उगाहे हैं.
ध्यान रहे कि देश के महालेखा नियंत्रक ने कहा था कि कोयले खदानों की नीलामी से सरकार को कम से कम 1.86 लाख करोड़ रुपए की क्षति हुई है. इस बात पर काफी हो हल्ला मचा था और पिछली सरकार के मंत्रियों ने कहा था कि यह आंकड़ा अतिशयोक्ति भरा है.
रॉयल्टी को छोड़कर सरकार ने कुल 1.76 लाख करोड़ की राशि उगाह ली है. यह राशि राज्यों को जाएगी. ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और कोयला खदानों के लाइसेंसों के रद्द किए जाने के बाद सरकार ने कोयला खदानों की नीलामी का आदेश दिया था.
उधर स्पेक्ट्रम की नीलामी से केन्द्र सरकार को एक लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है. 31 चरणों की नीलामी के बाद सरकार को 94,000 करोड़ रुपए की बोली मिल गई है. यह राशि केन्द्र सरकार के पास रहेगी जबकि कोयले से प्राप्त राशि और रॉयल्टी छह राज्यों को दे दी जाएगी.