सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल रुकवाने के मुद्दे पर सरकार और ट्रेड यूनियनों की बातचीत नाकाम हो गई है. इसके बाद ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष जी संजीव रेड्डी ने ऐलान किया कि 20 और 21 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल होकर रहेगी.
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार की जन विरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ ये हड़ताल बुलाई गई है. यूनियनों ने बढ़ती महंगाई के दौर में तनख्वाह बढ़ाने की भी मांग रखी है. इस हड़ताल में सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ 9 बैंकों के यूनियन शामिल हैं.
एक अनुमान के मुताबिक करीब ढाई करोड़ सरकारी कर्मचारी इन यूनियनों से जुड़े हैं. जिससे 20 और 21 को ढ़ाई करोड़ लोग काम पर नहीं जाएंगे. जिसका सीधा असर बैंकिंग, इंश्योरेंस, इनकम टैक्स, टेलीकॉम, पोस्टल, तेल और गैस सेक्टर के कामकाज पर पड़ेगा. इसके अलावा राज्यों के सरकारी कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे. जिसका असर राज्यों की सेवाओं पर पड़ेगा.
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने 20 फरवरी से दो दिनों की जो हड़ताल बुलाई है इसके समर्थन में मुंबई में शिव सेना से जुड़े मजदूर संगठनों ने रैली निकाली. पोस्टर बैनर और कार्यकर्ताओं के भारी हुजूम के साथ जीजामाता उद्यान से रैली निकली. रैली में शिव सेना के बड़े नेताओं के साथ-साथ बड़ी तादाद में कामगार भी शामिल हुए. रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने मजदूरों की हड़ताल के समर्थन का एलान किया. उद्धव ने कहा अभी तो शुरुआत है केंद्र को दिखा देंगे कि हमारी ताकत क्या है?