देश के 10 मजदूर संगठन अपनी 12 मांगें मनवाने के लिए हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन सरकार के इरादे अटल हैं. ये संगठन चाहते हैं सरकार श्रम कानूनों में प्रस्ताविस संशोधन वापस ले. लेकिन सरकार का कहना है कि ये संशोधन समय की मांग हैं.
संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि श्रम कानून मजदूरों के हित में हैं. इसलिए इन्हें लागू करना जरूरी है.
विपक्ष ने कहा- इंडस्ट्रियल लॉबी का हित साध रही सरकार
कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद पीसी चाको ने कहा कि सरकार इंडस्ट्रियल लॉबी का हित साध रही है. पिछली प्रगतिशील सरकारों ने मजदूरों का संरक्षण करने वाले कानून बनाए. लेकिन यह सरकार उन कानूनों को इंडस्ट्रियल लॉबी के पक्ष में कर रही है.
All acts which were protecting laborers of this country going to be diluted in favor of industrial lobby: PC Chacko pic.twitter.com/PFRVGsDpj7
— ANI (@ANI_news) September 2, 2015
न बदले कानूनः गोपाल राय
आप नेता और दिल्ली के श्रम एवं परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि श्रम कानूनों में संशोधन नहीं करना चाहिए. ये कानून यूं ही नहीं बने हैं. मजदूरों के संरक्षण के लिए सामाजिक आंदोलनों के बाद ये कानून अस्तित्व में आए हैं.