सरकार जिन कोयला ब्लॉक की जांच कर रही है, उसमें वे ब्लॉक भी हैं, जिनमें जिंदल स्टील एंड पावर तथा बाल्को शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरे हैं और इस बारे में अंतिम निर्णय इस सप्ताहांत तक किए जाने की संभावना है. बोली प्रक्रिया में कंपनियों के बीच कुछ साठगांठ की अटकलों के बीच सरकार की ओर से यह कदम उठाया जा रहा है.
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'ऐसी संभावना है कि ये कोयला ब्लॉक कोल इंडिया को मिल सकती है.' सूत्र के अनुसार हालांकि सरकार को इन कोयला ब्लाक के संदर्भ में अंतिम निर्णय अभी करना बाकी है. कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि जांच के बाद इन ब्लॉकों के लिए जो विकल्प तलाशे जा सकता है, उसमें इनकी फिर से नीलामी, राज्य को उसका आबंटन या सावर्जनिक क्षेत्र की कोल इंडिया को दिए जाने के विकल्प शामिल हो सकते हैं.
स्वरूप ने कहा, 'इस सप्ताहांत नौ कोयला ब्लॉक पर निर्णय कर लिया जाएगा. इसका दोबारा जांच सरकार कर रही है.' यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इन ब्लॉकों की फिर से नीलामी कर सकती है, उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भी हो सकता है.' अनुसूची दो (जहां उत्पादन हो रहा है) में रखे गए चार ब्लॉकों तथा तीसरी अनुसूची (जो उत्पादन के लिए तैयार हैं) के पांच ब्लॉक की जांच की जा रही है. अनुसूची दो के तहत आने वाले जिन चार कोयला ब्लाक की पुन: जांच की जा रही है, उनमें गारे पलमा 4:2, गाले पलमा 4:3, गारे पलमा 4:1 तथा मारकी मांगली तीन ब्लॉक शामिल हैं.
जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) गारे पलमा 4:2 तथा गारे पलमा 4:3 ब्लॉक के लिए, जबकि बाल्को गारे पलमा 4:1 तथा बीएस इस्पात ने मारकी मांगली दो ब्लॉक के लिए सबसे उंची बोली लगाने वाली है.
इनपुट: भाषा