सरकार साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र की स्थापना करेगी. इस केंद्र के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों से निपटा जाएगा.
साइबर क्राइम से प्रभावी तरीके से निपटने की दिशा में रोडमैप तैयार करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने के बाद यह पहल की जा रही है. समिति की सिफारिशों के अनुसार, बच्चों और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों, खासकर ऑनलाइन उत्पीड़न को तेजी से कम करने की जरूरत है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'इस तरह की सामग्री और वेबसाइटों की निगरानी और उन्हें बंद करने की जरूरत है. कानूनों को मजबूत करने की जरूरत है, अभिभावकों को साइबर जगत पर बच्चों की गतिविधियों की निगरानी के लिए शिक्षित होने की जरूरत है और उन्हें बच्चों को साइबर मंच पर अच्छे व्यवहार को लेकर शिक्षित करना चाहिए.'
समिति की सिफारिशों के अनुरूप, चाइल्ड पार्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीड़न समेत सभी तरह के साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से एक साइबर अपराध नियंत्रण केंद्र भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (IC4) की स्थापना की जाएगी. एक अधिकारी ने कहा, 'गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले ही समिति की सिफारिशों को तेज से लागू करने के लिए निर्देश दे चुके हैं.'
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सरकार गंभीर
सरकार ने पोर्नोग्राफी के मुद्दे को गंभीरता से लिया है. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री वाली 800 से अधिक साइट बंद करने के लिए कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से निपटने के लिए ज्यादा कुछ न करने के लिए सरकार को फटकार लगाई है.