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मोदी सरकार का चुनावी दांव! बांग्लादेशी, पाक हिंदुओं की नागरिकता अध्यादेश लाने की तैयारी

केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलने जा रही है. सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.

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बांग्लादेशी शरणार्थी (फाइल फोटो)
बांग्लादेशी शरणार्थी (फाइल फोटो)

केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलने जा रही है. सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन किया जाएगा.

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अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसका मकसद बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल ही इसके संकेत भी दे दिए थे. पश्चिम बंगाल और असम में सबसे ज्यादा शरणार्थी बांग्लादेश से ही आते हैं. इन दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं.

गृह मंत्रालय की टास्क फोर्स कर रही है काम
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने इस काम के लिए अलग से एक टास्क फोर्स भी बना दी है. यह वे सारी संभावनाएं तलाश रही है कि हिंदुओं, इसाइयों, बौद्ध और चाकमा शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए क्या किया जा सकता है. 

यह है सरकार योजना
सरकार की योजना है कि शीत सत्र में ही इस संबंध में बिल संसद में पेश कर दिया जाए. ताकि असम में बरसों से बिना दस्तावेज के रह रहे शरणार्थियों को संदेश दिया जा सके कि BJP उन्हें सिस्टम में शामिल करने के लिए प्रयासरत है. हालांकि इस मुद्दे पर सरकार को विपक्ष से विरोध का सामना करना पड़ेगा.

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अभी यह समझौता लागू
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 23 मार्च 1985 को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन से समझौता किया था. इसके मुताबिक शरणार्थियों को दस्तावेज लेने के लिए साबित करना पड़ता है कि वे मार्च 1971 से पहले असम में दाखिल हुए थे.

अब यह होगा
सरकार नया अध्यादेश लाकर इस समझौते को विस्तार देना चाहती है. इसके तहत बांग्लादेश से आए उन लोगों को भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी जो 2004 से पहले असम में दाखिल हो गए थे.

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