प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन पर बड़ा जोर देते हुए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण तथा स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छता सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आवंटित राशि में बड़ी वृद्धि का आज प्रस्ताव किया.
एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मनरेगा को शौचालय निर्माण कार्य्रकम से अलग करने का फैसला किया है. गडकरी का कहना है कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना जमीनी स्तर पर अच्छा काम नहीं कर पाई है. उन्होंने यहां एक प्रदर्शनी व कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. गडकरी के पास पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय का कार्यभार भी है.
उन्होंने कहा, ‘हमने व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण के लिए आवंटित राशि को 10,000 रपये से बढ़ाकर 15000 रपये करने का प्रस्ताव किया है. स्कूल शौचालय निर्माण के लिए राशि को 35,000 रुपये से बढ़ाकर 54,000 रुपये किया जाएगा. आंगनवाड़ी शौचालयों के आवंटित राशि 8000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये तथा सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए आवंटित राशि को दो लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.’
उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के सुझावों के आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया है. हम इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश करेंगे.’ उन्होंने कहा कि सरकार को इस महत्वाकांक्षी मिशन के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक सहित कई वित्तीय संस्थानों से प्रस्ताव मिले हैं.
उन्होंने कहा कि मनरेगा को शौचालय निर्माण कार्य्रकम से जोड़ने का पूर्ववर्ती सरकार का फैसले का अच्छा परिणाम नहीं आया और ‘हम सार्वजनिक शौचालयों को मनरेगा से अलग करेंगे.’ गडकरी ने कहा, ‘हम मोदी जी के सपनों को पूरा करेंगे.’