कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर कहा है कि इस सरकार को अब आधार कार्ड भूल जाना चाहिए और उधार कार्ड देना चाहिए, ताकि लोग अपना घर चला सकें. विपक्ष के कई नेताओं ने नोटबंदी को बेमतलब जनता की परेशानी बढ़ाने वाली कवायद मानते हुए सदन न चलने के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है.
रेणुका चौधरी ने बुधवार को कहा, 'जब यह सरकार निर्णय ले लेगी कि संसद को चलाना चाहिए, जब यह सरकार निर्णय ले लेगी कि प्रधानमंत्री को देश को संबोधित करने से पहले संसद को संबोधित करना चाहिए, तो यह संसद चलेगी. वे हमें इंतजार करने को कह रहे हैं और हम इंतजार, बस इंतजार ही किए जा रहे हैं... मैं समझती हूं कि अब समय आ गया है कि सरकार एक नई स्कीम लाए. सरकार आधार कार्ड भूल जाए और हमें 'उधार कार्ड' दे दे ताकि हम अपना घर चला सकें.'
ओवैसी ने नोटबंदी को बताया तमाशा
एआइएमइएम के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने नोटबंदी को तमाशा बताया है. उन्होंने कहा, 'राजस्व सचिव की आज की स्वीकार्यता से यह साफ हो गया है कि नोटबंदी का पूरा मामला एक तमाशा ही है. राजस्व सचिव ने कहा है कि नोटबंदी की इस पूरी कवायद से काले धन का कुछ लेना-देना नहीं है. लेकिन इस नोटबंदी ने अनौपचारिक क्षेत्र को पूरा बर्बाद कर दिया है. हमारे 120 नागरिकों ने जान गंवा दी है. सरकार के पास बहुमत है, लेकिन उसे मतदान की विपक्ष की मांग को स्वीकार कर लेना चाहिए. इसमें गलत क्या है...उनके पास तो इतना बहुमत है तो वे बहस आराम से जीत सकते हैं. इस सरकार के साथ समस्या यह है कि वह अपनी नीतियों की खिलाफत या उसके विरोध में आवाज उठाना बर्दाश्त नहीं कर सकती है.
सिर्फ क्रीमी लेयर है मजे में
एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा, 'एक महीने से हम सब कष्ट झेल रहे हैं. हमें उम्मीद थी कि यह सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखेगी...लेकिन हम भी तक लंबी कतारें ही देख रहे हैं. लोग आखिर अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कब तक लाइन लगाए रहेंगे.' जद यू नेता शरद यादव ने कहा कि एक महीने से पूरा देश लाइन में लगा हुआ है, सरकार की तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है कि लोगों का घर चलना सुनिश्चित हो सके. सरकार नहीं चाहती कि लोगों का घर चले, लेकिन हम अपना घर चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आपात काल के दौरान तो कुछ नेताओं को ही परेशानी हुई थी, लेकिन नोटबंदी से तो पूरा देश परेशान हो रहा है. सिर्फ कुछ क्रीमी लेयर लोगों को छोड़कर पूरा देश परेशान है.
संसद के एटीएम में भी पैसे नहीं
कांग्रेस सांसद राजबब्बर और प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री लोगों का घर चलने नहीं देना चाहते. विपक्ष तो बाद में आया, पहले सत्ता पक्ष के सांसदों ने ही बखेड़ा खड़ा किया. यह चोर मचाए शोर जैसा है. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि सदन को चलने दिया जाए. प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम संसद में बोलना नहीं चाहते, क्योंकि उनके पास बोलने के लिए कुछ है ही नहीं. राजबब्बर ने कहा कि हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसद के भीतर स्थित एटीएम में भी पैसे नहीं हैं.
गौरतलब है कि बुधवार सुबह बीजेपी संसदीय दल ने एक नोटबंदी के मसले पर एक प्रस्ताव पारित कर इस मामले में विपक्ष के रवैए की निंदा की है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि बीजेपी को जमीनी हालत का अंदाजा नहीं है. उन्हें जनता के गुस्से का भी अंदाजा नहीं है. जब राजस्व सचिव यह कह रहे हैं कि पूरा पैसा बैंकों में आ सकता है, तो इसका मतलब यह है कि काले धन का कोई मसला ही नहीं है.