उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद गुरुवार को केंद्र ने गरीबों में वितरण के लिए राज्यों को 25 लाख टन अतिरिक्त अनाज आवंटित करने का निर्णय किया.
उच्चतम न्यायालय का कहा था कि सरकारी भंडार में अनाज को सड़ाने की बजाय उसे गरीबों में बांट दिया दिया जाना चाहिए. न्यायालय ने बाद में स्पष्ट किया है कि यह उसका निर्णय है न कि सुझाव लेकिन यह खाद्यान्न गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों (बीपीएल) के लिए निर्धारित दर पर वितरित की जायेगी न कि मुफ्त.
खाद्य पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की गुरुवार शाम यहां एक बैठक के बाद कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे पर जब तक कोई अंतिम निणर्य नहीं कर लिया जाता, सरकार एक अंतरिम और तदर्थ उपाय के तहत राज्य सरकारों को और 25 लाख टन गेहूं तथा चावल जारी कर रही है.
पवार ने कहा कि यह अतिरिक्त अनाज गरीबी की रेखा से नीचे के परिवारों के लिए आवंटित किए जाने वाले अनाज के मूल्य पर ही जारी किए जाएगा.