सरकार ने चीनी को कड़वी करने की तैयारी कर ली है. चीनी की कीमतों से जल्दी ही सरकारी नियंत्रण हटने वाला है. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री केवी थॉमस ने कहा है कि इस संबंध में 15 दिनों के भीतर ही फैसला ले लिया जाएगा.
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वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को तेल कंपनियों की अहम बैठक है. ये बैठक अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद हो रही है, लिहाजा माना जा रहा है कि तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला ले सकती हैं.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन की अगुवाई वाली एक विशेषज्ञ समिति ने चीनी बाजार को नियंत्रणमुक्त करने की सिफारिश करते हुए मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की पूरी आजादी देने व लेवी चीनी प्रणाली को भी खत्म करने का सुझाव दिया है.
समिति ने कहा है कि ‘चीनी कीमत निर्धारण को तार्किक और चीनी के व्यापार को उदार बनाने की जरूरत है. ऐसा चरणबद्ध ढंग से 2 से 3 वर्ष में करने की जरूरत है.